Tuesday, December 10, 2024
Homeउत्तराखण्डछात्राओं के लिए अच्‍छी खबर, अब आइआइटी रुड़की में पीएचडी में बिना...

छात्राओं के लिए अच्‍छी खबर, अब आइआइटी रुड़की में पीएचडी में बिना गेट के मिलेगा दाखिला

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की ने इंजीनियरिंग और शोध कार्यों में प्रतिभावान छात्राओं को आगे बढ़ाने के लिए एक अनूठी पहल की है। इसके अंतर्गत संस्थान नए सत्र से छात्राओं के लिए शंकुतला फेलोशिप शुरू करने जा रहा है। इस फेलोशिप के माध्यम से छात्राएं ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) के बिना भी आइआइटी रुड़की में पीएचडी प्रोग्राम में दाखिला ले सकेंगी। संस्थान की सीनेट ने इस निर्णय पर अपनी मुहर लगा दी है। वहीं, गेट परीक्षा पास करके आने वाले विद्यार्थियों की भांति ही शंकुतला फेलोशिप के माध्यम से दाखिला लेने वाली छात्राओं को भी सभी सुविधाएं प्राप्त होंगी।
देशभर की आइआइटी में इंजीनियरिंग में छात्राओं की कम संख्या पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से पूर्व में चिंता जताई जा चुकी है। वहीं, आइआइटी में छात्राओं की संख्या बढ़ाने और छात्र-छात्राओं के अनुपात को ठीक करने को लेकर भी कई संस्थानों में छात्राओं को बीटेक में स्पेशल कोटे के अंतर्गत भी दाखिला दिया जा रहा है। आइआइटी रुड़की की बात करें तो यहां पर पीएचडी प्रोग्राम में दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में काफी अंतर है। मौजूदा समय में संस्थान में इंजीनियरिंग कोर्स में जहां पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या 1237 है, वहीं छात्राओं की संख्या मात्र 436 है। जबकि गैर इंजीनियरिंग कोर्सेज में पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या 615 और छात्राओं की संख्या 401 है। ऐसे में पीएचडी के छात्र-छात्राओं के बीच के इस अंतर को कम करने के लिए आइआइटी रुड़की पीएचडी में दाखिला लेने की इच्छुक प्रतिभावान छात्राओं के लिए नए सत्र से शंकुतला फेलोशिप शुरू करने जा रहा है। इसके तहत जिस छात्रा ने केंद्र से वित्त पोषित तकनीकी संस्थान से बीटेक, बीआर्क, बीई की डिग्री प्राप्त की है और उसके 8.5 सीजीपीए हैं तो वह शंकुतला फेलोशिप के अंतर्गत पीएचडी में दाखिला ले सकती हैं। आइआइटी रुड़की के एकेडमी अफेयर्स के डीन प्रोफेसर अपूर्वा कुमार शर्मा ने बताया कि शंकुतला फेलोशिप संस्थान की अनूठी पहल है। इसका उद्देश्य इंजीनियरिंग के क्षेत्र में छात्राओं को आगे बढ़ाना है। साथ ही, वर्तमान में पीएचडी प्रोग्राम में छात्र-छात्राओं की संख्या के बीच जो अंतर है उसे कम करना है। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को भी इस फेलोशिप का लाभ मिल सकेगा। प्रोफेसर अपूर्वा कुमार शर्मा ने बताया कि सीनेट ने शंकुतला फेलोशिप को मंजूरी दे दी है।
आइआइटी रुड़की में विभिन्न विभागों में मौजूदा समय में पीएचडी में जितनी सीटें हैं, शंकुतला फेलोशिप की सीटें उनसे अलग होंगी। इस फेलोशिप के तहत निर्धारित मानकों को पूरा करने वाली छात्राएं दाखिला ले सकती हैं। संस्थान में साल में दो बार जुलाई और दिसंबर में पीएचडी प्रोग्राम में दाखिले होते हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments