Thursday, October 31, 2024
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निराश्रित गौवंश का सहारा बना हल्दूचौड़ का गौरक्षा धाम

हल्दूचौड़। स्वामी रामेश्वरदास गोवंश की रक्षा के लिए अपनी संपूर्ण जमीन दान देकर गो सेवा में लगे हैं। हल्दूचौड़ परमा गांव स्थित हरे कृष्ण आश्रम गोधाम स्वामी रामेश्वर दास की गो सेवा का प्रमुख केंद्र है। हरि नाम संकीर्तन के बीच गो सेवा के उच्च आदर्शों को स्थापित करता यह गोधाम कुमाऊं के सबसे बड़े गो रक्षा केंद्र के रूप में जाना जाता है।स्वामी रामेश्वर दास ने अपना संपूर्ण जीवन गो सेवा को समर्पित कर दिया। उन्हें बचपन से माता-पिता के संस्कारों से गो सेवा की प्रेरणा मिली। रामेश्वर दास ने वर्ष 1999 में अपनी दो एकड़ जमीन हरे कृष्णा आश्रम के निमित्त दान कर दी और 25 दिसंबर 1999 को हरे कृष्ण आश्रम की आधारशिला रखी। आश्रम में निराश्रित लोगों को सहारा दिया।
29 मार्च 2006 को लालकुआं पुलिस ने वध के लिए ले जाए जा रहे चार बैलों को मुक्त कराया। रामेश्वर दास उन बैलों को आश्रम ले आए और घासफूस का छप्पर बनाकर उन्हें आश्रय दिया। उसी दिन से यहां पर गौ रक्षा धाम की स्थापना भी हो गई। आश्रम में निराश्रित गोवंश की संख्या एक हजार से भी ऊपर पहुंच गई है। रामेश्वर दास ने सहयोगियों के प्रयास से करीब दो एकड़ जमीन और खरीदी और वहां भी एक गो रक्षा धाम बना दिया। बीमार गोवंश के उपचार के लिए नौ मार्च 2015 को गो माता अस्पताल की भी स्थापना की गई। गोपीनाथ दास, नारद मुनि दास, भरत श्रेष्ठदास, मधुसूदन दास समेत कई गो भक्तों के अथक परिश्रम और समाज के सहयोग से चल रहे गो रक्षा धाम के संचालन के लिए स्वामी रामेश्वर दास ने समाज के जागरूक लोगों से आर्थिक सहयोग की भी अपील की है।

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