हरिद्वार नगर निगम 60 वार्डों में फैला हुआ है। शहर में मलेरिया के बाद डेंगू दस्तक दे चुका है और नगर निगम की तैयारी डाक के तीन पात वाली है। निगम की लापरवाही का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके पर पास फॉगिंग करने के लिए केवल पांच मशीनें ही हैं। इसी से अंदाज लगाया जा सकता है कि नगर मच्छर जनित बीमारियों से निपटने के लिए कितना तैयार है।
हरिद्वार में कुछ दिन पहले ही मलेरिया का केस मिल चुका है। रविवार को कनखल स्थित निजी अस्पताल में डेंगू आशंकित चार मरीजों का रैपिड टेस्ट में डेंगू की पुष्टि हुई है। डेंगू फैलने की आशंका बरसात के बाद ही ज्यादा होती है। यानि डेंगू के लार्वा पैदा होने के लिए अब अनुकूल मौसम बन रहा है। पर नगर निगम कहीं से भी डेंगू से लड़ने के लिए तैयार नहीं दिख रहा। डेंगू के लार्वा मारने के लिए दवाओं का छिड़काव और फॉगिंग शुरू नहीं हो पाई।
डेंगू के चार आशंकित मरीजों की आज आएगी एलाइजा रिपोर्ट
मलेरिया की दस्तक के बाद डेंगू की आहट से स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा है। हरिद्वार में मलेरिया का एक केस मिलने के बाद डेंगू के चार आशंकित मरीजों की रैपिड रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि हुई है। एलाइजा टेस्ट की रिपोर्ट आज शाम तक आ जाएगी। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने डेंगू की रोकथाम के लिए 9 सेनेटरी इंस्पेक्टर और 35 सुपरवाइजरों की टीम गठित की है। टीम को पहले दिन मायापुर में तीन जगहों पर डेंगू का लार्वा मिला है। रविवार को कनखल स्थित निजी अस्पताल में डेंगू आशंकित चार मरीजों का रैपिड टेस्ट में डेंगू की पुष्टि हुई थी। डेंगू आशंकितों में दो अस्पताल के ही कर्मचारी और दो उत्तर प्रदेश के बताए जा रहे हैं। जिला मलेरिया अधिकारी गुरुनाम सिंह ने बताया कि सोमवार को नगर स्वास्थ्य की टीम के साथ मायापुर क्षेत्र का निरीक्षण किया। तीन जगहों पर डेंगू का लार्वा मिला। लार्वा गमले, फ्रीज और कूलर के जमा पानी में मिला, जिसे एंटी लार्वा छिड़काव कर नष्ट किया गया।
मलेरिया फैलने की आशंका भी बनी हुई है। शहर के बीचों-बीच स्थित चमगादड़ पार्किंग और इसकी विपरीत में बने सुलभ शौचालय के चारों ओर बारिश का पानी जमा है। इनमें मच्छरों की भरमार है। पानी की निकासी के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। शहर के कनखल, ज्वालापुर और उत्तरी हरिद्वार की घनी आबादी में भी कई जगहों पर जलभराव होने से मच्छर पनप रहे हैं। नगर निगम के पास मात्र पांच फॉगिंग मशीनें हैं। जिनसे क्षेत्र में फॉगिंग करवाई जा रही है। 20 फॉगिंग और 20 एंटी डेंगू स्प्रे मशीनों के खरीद के लिए टेंडर हो गए हैं। मशीनें दो-तीन दिन में मिल जाएंगी। – दयानंद सरस्वती, नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार
डेंगू की दृष्टि से भगवानपुर और नारसन ब्लॉक अतिसंवेदनशील है। दोनों क्षेत्रों में पिछले वर्ष डेंगू के करीब 250 मामले सामने आए थे। इस साल भी दोनों ब्लाकों पर विशेष निगरानी है। डेंगू के चार आशंकित मरीजों की आज रिपोर्ट आ जाएगी। – डॉ. खगेंद्र कुमार, सीएमओ हरिद्वार
बारिश के जमा पानी में एडीज एजिप्टी मादा मच्छर अंडे देती है। लार्वा नष्ट न किए जाने पर यह पियूूपा बन जाता है। एक सप्ताह में व्यस्क मच्छर बन जाता है। घरों में कूलर और फ्रिज के पीछे लगी ट्रे में भी डेंगू का लार्वा मिलता है। इसलिए नियमित पानी बदलना और साफ करना चाहिए। घर के बाहर गमलों या बर्तनों में पानी जमा न होने दें। – गुरुनाम सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी
हरिद्वार में मलेरिया की दस्तक के बाद डेंगू की आहट से हड़कंप
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