प्रदेश में कोविड के दौरान अस्पताल से बाहर अपने माता-पिता या फिर दोनों में से किसी एक को खोने वाले बच्चों को वात्सल्य योजना का लाभ मिले, इसके लिए परिजनों का स्वघोषित प्रमाण पत्र भी मान्य होगा। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि विभाग के पास इस तरह के कई मामले आए हैं जिसमें घर या फिर रास्ते में मौत हुई, लेकिन अस्पताल की ओर से प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा है।
अब अन्य बीमारियों से मौत पर व्यक्ति के परिजन खुद घोषित करेंगे कि उनके परिजन या रिश्तेदार की कोविडकाल में बीमारी से मौत हुई है। इस संबंध में विभाग और जिलों में जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए जा रहे हैं। विधान सभा स्थित सभागार में अधिकारियों की बैठक में कहा कि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 4057 बच्चों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। दो से तीन दिन के भीतर इन बच्चों के खातों में तीन हजार रुपये की राशि भेजी जाएगी।
वात्सल्य योजना की आवेदन अवधि दो महीने बढ़ी
प्रदेश में वात्सल्य योजना के लिए आवेदन की अवधि दो महीने बढ़ा दी गई है। अभी तक आवेदन की अंतिम तिथि 31 मार्च था लेकिन कोई बच्चा योजना से वंचित न रहे, इसके लिए पात्र 31 मई तक आवेदन कर सकते हैं।
बालकों को भी मिलेगा महालक्ष्मी योजना का लाभ
सरकार की ओर से शुरू की गई मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का लाभ बालिकाओं के साथ अब बालकों को भी मिलेगा। मंत्री ने कहा कि प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जाएगा। पहले बालक के जन्म पर इस योजना का लाभ मिलेगा इसके अलावा प्रदेश में आया को सुरक्षा कवच दिया जाएगा। उनकी आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। इस तरह की महिलाओं का रजिस्ट्रेशन कराकर उनके लिए न्यूनतम मानदेय तय किया जाएगा।
मंत्री ने यह भी दिए निर्देश
मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि नारी निकेतन में रह रहीं महिलाओं को किसी तरह की दिक्कत न हो इसका ध्यान रखा जाए। इसके अलावा नंदा गौरा योजना जिसमें वर्ष 2020-21 व 2021-22 की बालिकाएं लाभ लेने से वंचित रह गई हैं। इसके लिए आगामी बजट में व्यवस्था की जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से दूध,केला,अंडा गर्भवती महिलाओं और 6 वर्ष तक के बच्चो को दिए जाने के साथ ही इसकी गुणवत्ता में किसी तरह की शिकायत न आए।
कोविड काल में मौत पर परिजनों का स्वघोषित प्रमाणपत्र मान्य, वात्सल्य योजना के आवेदन की तिथि भी बढ़ी
RELATED ARTICLES