Saturday, November 30, 2024
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औली में आज से रोमांच का सफर, सुरक्षित जोशीमठ का संदेश देंगे खिलाड़ी, सीएम धामी भी पहुंचे

औली में आज से रोमांच का सफर शुरू हो गया है। सुरक्षित जोशीमठ का संदेश देने के लिए खिलाड़ी दौड़ेंगे। सीएम धामी भी इस आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंच गए हैं। सुरक्षित जोशीमठ का संदेश देने के लिए आज आठ अप्रैल से औली में स्की माउंटेनियरिंग एसोसिएशन उत्तराखंड और स्काई रनिंग एसोसिएशन उत्तराखंड संयुक्त रूप से राष्ट्रीय स्तर की स्काई रनिंग और स्काई अल्ट्रा रेस प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। रेस बदरीनाथ हाईवे पर स्थित हनुमान चट्टी से औली (46 किलोमीटर) तक आयोजित होगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ नृसिंह मंदिर परिसर से प्रतियोगिता का शुभारंभ करेंगे। माउंटेनियरिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय भट्ट ने बताया कि प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए देश के विभिन्न जिलों के खिलाड़ियों की ओर से पंजीकरण किया गया है।
प्रतिभागियों को करनी पड़ेगी 48 किलोमीटर की दूरी तय
इसमें उड़ीसा, यूपी, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड के प्रतिभागी शामिल होंगे। जोशीमठ से 98 महिलाओं ने भी टीम रेस में प्रतिभाग करने के लिए पंजीकरण कराया है जबकि नेपाल और यूपी से भी एक-एक महिला ने पंजीकरण करवाया है। रेस बदरीनाथ धाम से दस किलोमीटर पहले हनुमान चट्टी से जोशीमठ नगर और सुनील गांव होते हुए औली पहुंचेगी। इसमें प्रतिभागियों को 48 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। अजय भट्ट ने बताया कि प्रतियोगिता के टॉप-5 प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जाएगा। दोनों प्रतियोगिताओं का आयोजन दो अलग-अलग दिनों में किया जाएगा।
क्या है स्काई रनिंग और स्काई अल्ट्रा रेस
पहाड़ी क्षेत्र में दो हजार मीटर की ऊंचाई पर दौड़ लगाने को स्काई रनिंग कहते हैं। इसमें चढ़ाई की कठिनाई (ग्रेड-2) अधिक नहीं होनी चाहिए और उतार-चढ़ाव 30 डिग्री से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा स्काई अल्ट्रा रेस में विभिन्न कठिनाइयों को पार करते हुए दौड़ लगानी पड़ती है।
सुरक्षित जोशीमठ का देंगे संदेश
स्की माउंटेनियरिंग एसोसिएशन की ओर से स्काई रनिंग और स्काई अल्ट्रा रेस के माध्यम से सुरक्षित जोशीमठ का संदेश दिया जाएगा। इस बार जनवरी माह में जोशीमठ आपदा और औली में कम बर्फबारी के कारण औली में नेशनल विंटर गेम्स का आयोजन नहीं हो पाया था जिससे जोशीमठ के पर्यटन व्यवसाय को जबरदस्त झटका लगा। अब जोशीमठ के पर्यटन व्यवसाय को उभारने के लिए इस प्रतियोगिता के आयोजन को शुभ माना जा रहा है।

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