विधानसभा में विवादित बैकडोर भर्तियों की जांच के लिए गठित एक्सपर्ट कमेटी ने अपना काम शुरू कर दिया है। रविवार को अवकाश होने के बावजूद, कमेटी ने करीब आठ घंटे तक विधानसभा में डेरा डालकर कर्मचारियों की भर्ती से संबंधित दस्तावेजों की जांच की।विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विवादित भर्ती मामले की जांच के लिए शनिवार को तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था। इसमें से रिटायर्ड नौकरशाह डीके कोटिया और एसएस रावत रविवार सुबह सवा दस बजे ही विधानसभा पहुंच गए। दोनों ने शाम पांच बजे तक यहां भर्ती से संबंधित दस्तावेजों की जांच की। कोटिया और रावत ने विधानसभा में नियुक्ति प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज और नियमावली मंगा कर उसका अध्ययन शुरू कर दिया है।
कमेटी ने भर्तियों से जुड़े सभी दस्तावेज अपने नियंत्रण में ले लिए हैं। उधर, कमेटी के तीसरे सदस्य अवनेंद्र नयाल सोमवार को देहरादून पहुंचने के बाद कमेटी से जुड़ेंगे। कमेटी छुट्टी पर भेजे गए सचिव मुकेश सिंघल को भी तलब करने जा रही है। सिंघल के प्रमोशन पर भी विवाद है। हालांकि अभी उनका कार्यालय नहीं खोला गया है। कमेटी के सदस्य एसएस रावत ने बताया कि सिंघल का कमरा अध्यक्ष ने प्रशासनिक आधार पर सील किया है, इसका कमेटी से कोई संबंध नहीं है। नियुक्ति प्रकिया को लेकर होगी जांच कमेटी के सामने सबसे बड़ी चुनौती स्पीकर के विशेषाधिकार में नियुक्ति देने के प्रावधान का पता लगाना है।
सदस्य रावत ने बताया कि वो मुख्य रूप से नियमों को ही देखेंगे कि किस नियम के तहत नियुक्ति प्रदान की गई। क्या इसमें तय प्रक्रिया का पालन किया गया है? सूत्रों के अनुसार, कमेटी ने सर्विस रूल्स को विशेषाधिकार से अलग माना है, यानि विशेषाधिकार को सिर्फ सदन संचालन तक देखा जा रहा है। जबकि नियुक्तियों में संविधान में वर्णित समानता के अधिकार को ज्यादा महत्व दिया जा सकता है। कमेटी सोमवार को भी विधानसभा में पड़ताल जारी रखेगी। सूत्रों के अनुसार, कमेटी इस बाबत, विभिन्न कोर्ट के आदेशों को भी देख-परख सकती है। कमेटी को एक माह मअपनी रिपोर्ट देनी है।
विधानसभा बैकडोर भर्तियों में नियमों का हुआ था पालन? 8 घंटे तक खंगाले दस्तावेज, मिले कई सुराग
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