चंपावत। इस जिले की दोनों सीटों से भले ही एक भी महिला को प्रत्याशी न बनाया गया हो, लेकिन आधी आबादी अपनी लोकतांत्रिक जवाबदेही से रत्तीभर भी पीछे नहीं है। घर के काम के साथ अपने प्रतिनिधियों को चुनने में भी वे जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहीं हैं। चंपावत से नौ किमी दूर नघान क्षेत्र की महिलाओं ने रोजमर्रा के कामकाज के साथ मतदान कर बखूबी लोकतंत्र को सुगंधित किया है। इन महिलाओं ने पहले घर का काम किया, फिर वोट दिया और उसके तुरंत बाद मवेशियों के लिए घास के लिए निकल पड़ी।
31 जनवरी से नघान क्षेत्र वन्यजीव की दहशत है। यहां वन्यजीव ने एक महिला चंचला देवी को दो सप्ताह पहले मार डाला था। इसी क्षेत्र के बूथ में महिलाओं ने जिम्मेदारी से मतदान किया। मोहनी देवी और भावना देवी ने घर का काम निपटाने के बाद मतदान किया। फिर मतदान से निपटने के फौरन बाद मवेशियों के लिए घास लेने दौड़ पड़ी। इन दिनों वन्यजीव की दहशत से लोग तीन बजे बाद घर से बाहर घास के लिए नहीं जा रहे हैं। मोहनी देवी और भावना देवी का कहना है कि हम बहुत पढ़े-लिखे नहीं है, लेकिन इतना जानते हें कि लोकतंत्र में मतदान ही उन्हें खास बनाता है। इस दौरान कई नेता उनसे वोट की गुहार लगाते हैं। तो हम क्यों न सही वोट देकर अपना और अपने क्षेत्र के हित के लिए काम करें। इसी मंशा से तमाम जिम्मेदारियों के बीच उन्होंने वोट देकर अपना कर्तव्य निभाया। कहती हैं कि इसी वजह से वे हर बार वोट देती हैं। चंपावत विधानसभा सीट 96016 वोटरों में से 45959 महिला मतदाता हैं।
घास काटने के बीच मतदान का धर्म नहीं भूली मोहनी और भावना
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