भू-धंसाव बढ़ने के बाद शासन-प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के लिए हफ्ते-दस दिन में प्री-फैब्रिकेटेड घरों के निर्माण का दावा किया था, लेकिन 23 दिन बीतने के बाद भी मॉडल घरों का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों के लिए बनाए जा रहे प्री-फैब्रिकेटेड घरों का निर्माण कछुवा गति से चल रहा है। शासन-प्रशासन ने जल्द ही इन घरों का निर्माण कार्य पूर्ण कर देने का दावा किया था। ऐसे में प्रभावितों के पुनर्वास को लेकर सरकार की संजीदगी का अंदाजा लगाया जा सकता है। जोशीमठ के उद्यान विभाग की भूमि पर 18 जनवरी से तीन मॉडल प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाने का काम शुरु हुआ था, जबकि ढाक गांव में 26 जनवरी से 15 घर बनाए जा रहे हैं। मॉडल घरों को आपदा प्रभावितों को दिखाया जाना है। प्रभावितों ने यदि इनमें रहने की सहमति दी तो ढाक सहित अन्य पुनर्वास वाली जगहों पर इन घरों का निर्माण किया जाएगा। लेकिन हटों के निर्माण की धीमी गति आपदा प्रभावितों को चिढ़ा रही है। एक माह होने को है, लेकिन अभी तक तीन मॉडल घर तक नहीं बने हैं। इन मॉडल घरों में अभी तक टाइल्स और पानी के संयोजन भी नहीं लगाए गए हैं। थ्री बीएचके घर का अभी तक सिर्फ छत का निर्माण हुआ है, जबकि दीवारों का निर्माण होना बाकी है। ढाक गांव में 26 जनवरी से 15 प्री-फैब्रिकेटेड घर बनाए जा रहे हैं। लेकिन यहां भी घरों का निर्माण बेहद धीमी गति से हो रहा है। आपदा प्रभावितों का कहना है कि जब तीन मॉडल प्री फैब्रिकेटेड घर बनाने में इतनी देरी हो रही है तो पुनर्वास होने में लंबा वक्त लग जाएगा। प्री-फैब्रिकेटेड घरों को बनाने में कोई देरी नहीं हो रही है। जल्द ही ये घर बनकर तैयार हो जाएंगे। उद्यान विभाग की भूमि पर बड़े-बड़े बोल्डर थे, उन्हें जेसीबी मशीनों से हटाया गया। इसके बाद भूमि का समतलीकरण किया गया। हट निर्माण के लिए मैटरियल हिमाचल प्रदेश से आ रहा है। डिमांड के हिसाब से सामग्री जोशीमठ पहुंचाई जा रही है। – हिमांशु खुराना, डीएम, चमोली
दरारों से दर्द में जोशीमठ: 23 दिन बाद भी प्री-फैब्रिकेटेड घरों का निर्माण नहीं हुआ पूरा, अभी करना होगा इंतजार
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