अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों पर कुत्ते और बंदरों के काटने के बाद एंटी रैबीज वैक्सीन यानी एआरवी लगवाने वालों की संख्या बढ़ गई है। रोज एआरवी कक्ष के सामने मरीजों की लाइन सुबह 9 बजे से ही लग जा रही है। बिल्ली द्वारा काट जाने के मामले कम नहीं हैं। मंडलीय अस्पताल में हर दिन औसतन 40 से 50 मरीजों को वैक्सीन लगाई जा रही है। मांग को देख स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त एआरवी मंगवाई जा रही है।
आमतौर पर ठंड के मौसम में कुत्ते द्वारा काटने के मामले बढ़ते हैं, लेकिन गर्मी में जिस तरह से मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, उसे लेकर अस्पताल के एआरवी कक्ष में हर दिन इंजेक्शन की उपलब्धता की रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। वैसे तो स्वास्थ्य केंद्र पर भी वैक्सीन लगाई जाती है, लेकिन कभी-कभी वैक्सीन की कमी की वजह से मरीजों को जिला या मंडलीय अस्पताल जाना पड़ता है। मंडलीय अस्पताल की बात करें तो यहां पिछले तीन महीने में मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। सबसे अधिक कुत्ते द्वारा काटे जाने वाले मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं।
तीन माह में इतने मिले मरीज
माह कुत्ता काटने बंदर काटने बिल्ली काटने अन्य
फरवरी 1151 192 17
मार्च 1326 186 39 4
अप्रैल 1293 143 35 06
मरीजों की संख्या बढ़ती देख अस्पताल में पर्याप्त एआरवी की व्यवस्था की गई है। शहर और ग्रामीण इलाकों के साथ ही आसपास के जिलों से भी मरीज आते हैं। – डॉ. प्रसन्न कुमार, एसआईसी, मंडलीय अस्पताल
मंडलीय अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन के लिए लाइन
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