राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुने गए शिक्षक प्रदीप नेगी के कदम दिव्यांगता भी नहीं डिगा पाई। प्रदीप नेगी ने जिले का ही नहीं बल्कि देवभूमि उत्तराखंड का नाम भी रोशन किया है। ऑनलाइन शिक्षण कार्य के मास्टर ट्रेनर प्रदीप नेगी बच्चे ही नहीं अध्यापकों को भी ज्ञान देते हैं। ब्लॉग, मोबाइल एप, वेबसाइट, यूट्यूब चैनल जैसे नवाचार शिक्षा के लिए पांच सितंबर को उनको राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार दिया जाएगा। राजकीय इंटर कॉलेज भेल में तैनात अध्यापक प्रदीप नेगी एकेश्वर ब्लॉक के भंडारी गांव पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले हैं। महज दो वर्ष की आयु में उन्हें लाइलाज पोलियो ने जकड़ लिया था। जिससे उनका एक पैर दिव्यांग हो गया। लेकिन उन्होंने दिव्यांगता के आगे कभी हार नहीं मानी। न ही वह विचलित हुए। अपनी मंजिल पर पहुंचने के लिए संघर्षों से लड़ते रहे। हालांकि, उन्हें शिक्षा हासिल करने से लेकर यहां तक पहुंचने के लिए कठिन दौर से गुजरना पड़ा। वह अपने बीते हुए संघर्षों को आज तक नहीं भूल पाए।
उन्होंने बताया कि 16 दिसंबर 1998 को उनका चयन बतौर सहायक अध्यापक के पद पर अति दुर्गम हाई स्कूल जयखाल बोरगांव पौड़ी गढ़वाल में हुआ। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण चलने फिरने में असमर्थ होने के बाद भी अपने कर्तव्य पर डटे रहे। बाद में उनका ट्रांसफर राजकीय इंटर कॉलेज रुड़की हो गया। 20 दिसंबर 2006 को उनका चयन अर्थशास्त्र के प्रवक्ता पद हुआ। अध्यापन कार्य के साथ ही ऑनलाइन पाठ्य सामग्री निर्माण करने अहम भूमिका निभा चुके हैं। ऑनलाइन क्लासेस, ई-सामग्री का निर्माण, ऑनलाइन क्विज, वीडियो कांफ्रेंस, वर्चुअल टूर, ग्लोबल प्रोजेक्ट, मोबाइल शिक्षा से बेहतर ढंग से बच्चों को शिक्षा देने में कार्य कर रहे हैं। ब्लॉग व मोबाइल एप, वेबसाइट, यूट्यूब चैनल आदि का निमार्ण नवाचार शिक्षा में किया है। कॉलेज में बच्चों के साथ ही अध्यापकों को भी ऑनलाइन शिक्षण के लिए ट्रेनिंग देते हैं। कोरोनाकाल के लॉकडाउन में पांच-पांच विद्यालयों के बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया। उनका कहना है कि अगर लक्ष्य को ठान लिया जाए तो कोई भी अड़चन रास्ता नहीं रोक सकती है। अध्यापकों को आधुनिक दौर के साथ कदम से कदम मिलाकर शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाना होगा। तभी जाकर वह बच्चों का सुनहरा कॅरिअर बना सकेंगे।
राष्ट्रपति पुरस्कार भी ले चुके नेगी
शिक्षक प्रदीप नेगी ने शिक्षा के क्षेत्र में नवीन तकनीक आईसीटी में ऑनलाइन शिक्षा के कई नवाचार प्रयोग किए। जिससे उन्हें आईसीटी (इनफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी) में उत्कृष्ट प्रयोग के लिए वर्ष 2014 में राष्ट्रपति पुरस्कार मिला। वर्ष 2016 में राज्य विकलांग पुरस्कार के लिए चुना गया। इसके अलावा भी उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थाओं ने सम्मानित किया है।
मन के हारे हार है, मन के जीते जीत: दिव्यांग प्रदीप नेगी ने सिद्ध की ये बात, मिलेगा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार
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