रानीखेत (अल्मोड़ा)। सदर बाजार के धार्मिक परिसर स्थित फर्नीचर की दुकान में दो युवतियों के संदिग्ध परिस्थितियों में मिलने का मामला तूल पकड़ गया है। पुलिस ने पूछताछ के बाद युवतियों को छोड़ दिया। घटना से आक्रोशित व्यापार मंडल पदाधिकारियों ने रविवार को कोतवाली पहुंचकर निष्पक्ष जांच की मांग उठाई।
शनिवार देर शाम पुलिस को इमामबाड़ा परिसर स्थित फर्नीचर की एक दुकान में दो युवतियों के संदिग्ध रूप से मौजूद होने की सूचना मिली। शनिवार रात पुलिस ने दुकान में छापा मारा। पुलिस को मौके पर दुकानदार युवक और दो युवतियां मिलीं। इस पर पुलिस युवक और दोनों युवतियों को कोतवाली ले गई।कोतवाल नासिर हुसैन ने कहा कि पूछताछ में काशीपुर निवासी एक महिला ने बताया कि फर्नीचर व्यापारी की दुकान में काम करने के नाम पर उन्हें रानीखेत लाया गया था। इस संबंध में महिलाओं के परिजनों से बात की गई।
उन्होंने युवतियों के रानीखेत घूमने आने की बात कही जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया है। कोतवाल ने कहा कि फर्नीचर दुकानदार का धारा 81 में चालान किया है। इधर व्यापारियों ने कहा कि इस तरह के मामलों से क्षेत्र का माहौल बिगड़ने के साथ छवि खराब होती है। कोतवाल ने व्यापारी नेताओं को मामले की जांच करने का भरोसा दिलाया। इस दौरान व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष मोहन नेगी, नगर महासचिव संदीप गोयल, उपाध्यक्ष दीपक पंत, कोषाध्यक्ष भुवन पांडेय, उपसचिव विनीत चौरसिया, मीडिया प्रभारी सोनू सिद्दीकी, पत्रकार नंद किशोर गर्ग, गिरीश पांडे आदि थे।रानीखेत जैसी शांत नगरी में ऐसी घटनाएं होने की सूचनाएं आना दुर्भाग्यपूर्ण है। मामला गंभीर पाया गया तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस को इस मामले में निष्पक्ष जांच करने के निर्देश दिए हैं। – डॉ. प्रमोद नैनवाल, विधायक रानीखेत
धार्मिक परिसर स्थित फर्नीचर की दुकान में संदिग्ध हालत में मिलीं युवतियां
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