रुद्रपुर। पिथौरागढ़ से पट्टों की रॉयल्टी से बाइक और बोलेरो के नंबरों वाले वाहनों से खनिज लाने के घपले की जांच डेढ़ साल बाद भी नोटिस देने तक ही सीमित है। जांच में घपले की पुष्टि के बाद बाजपुर क्षेत्र के 30 स्टोन क्रशर संचालकों को नोटिस जारी किए थे लेकिन आधे क्रशर संचालकों ने जवाब देना तक जरूरी नहीं समझा। अब बाकी क्रशरों को जवाब देने के लिए एक और मौका देते हुए अंतिम नोटिस दिया गया है। डीएम के अनुसार बड़ी गड़बड़ी करने वाले क्रशरों के लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति भी की जाएगी। जिले में खनन कारोबारी कई तरीकों से राजस्व चोरी करते हैं। अमर उजाला ने 28 मई 2021 के अंक में बड़े स्तर पर चल रहे अवैध खनन के घोटाले को उजागर किया था। इसमें पिथौरागढ़ से पट्टे की रॉयल्टी पर बाजपुर के कुछ क्रशरों में उपखनिज लाना दर्शाया गया था। इस मामले की जांच के लि जब खनिज लाने वाले वाहनों के नंबरों की पड़ताल की गई तो वह बोलेरो, ऑटो रिक्शा, गुड्स कैरियर, स्कूटी, बाइक, ट्रेलर और खोदाई करने वाली मशीनों के निकले थे। इसमें स्पष्ट था कि अवैध खनन के माल को खपाने के लिए पहाड़ के पट्टों की रॉयल्टी का इस्तेमाल किया गया था।
तत्कालीन डीएम रंजना राजगुरु ने जांच के आदेश दिए थे। करीब एक साल बाद मामले की जांच पूरी हुई थी। सूत्रों के अनुसार पहाड़ के पट्टों की रॉयल्टियों में क्रशरों को माल पहुंचाने वाली करीब पांच सौ गाड़ियों के नंबर फर्जी पाए गए थे। जून 2022 में डीएम कार्यालय से 30 क्रशरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगे गए थे लेकिन सिर्फ 15 क्रशर संचालकों ने ही जवाब दाखिल किए। बचे 15 क्रशर संचालकों को अंतिम नोटिस जारी किया गया है। पूरे मामले में बड़े स्तर पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है। कुछ स्टोन क्रशर संचालकों ने जवाब दे दिए हैं और कुछ क्रशर के जवाब आने से रह गए हैं। पूरी गंभीरता से इस मामले को लिया गया है और इसमें सख्त कार्रवाई करेंगे। गड़बड़ी में शामिल क्रशर संचालकों पर जुर्माना लगाया जाएगा। बड़े स्तर पर गड़बड़ी में शामिल रहे क्रशरों का लाइसेंस निरस्त करने के लिए शासन को संस्तुति करेंगे। – युगल किशोर पंत, डीएम, ऊधमसिंह नगर।
खनन घोटाला: डेढ़ साल में जांच से नोटिस तक ही पहुंच सका मामला
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