उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में 14 फरवरी को मतदान के बावजूद, अभी कई प्रत्याशियों का भाग्य पोस्टल बैलेट वाले मतदाताओं के हाथ में है। राज्य में कुल जारी पोस्टल बैलेट में से अभी तक 26 प्रतिशत ही वापस हो पाए हैं। 1.12 लाख पोस्टल बैलेट से मतदान होना अब भी शेष है। इसमें चुनाव ड्यूटी देने वाले कर्मचारी, पुलिस बल के साथ ही सीमाओं पर तैनात सैन्य बल के मतदाता शामिल हैं। निर्वाचन आयोग ने इस बार तीन श्रेणी में पोस्टल बैलेट जारी किए थे। पहली श्रेणी में घर से मतदान का विकल्प अपनाने वाले अस्सी साल से अधिक उम्र और दिव्यांग वर्ग के मतदाता शामिल थे। इस श्रेणी वाले मतदाताओं के पोस्टल बैलेट निर्वाचन कर्मियों ने वोट के बाद सीधे ही प्राप्त कर लिए हैं। इस श्रेणी में मतदान की अंतिम समय सीमा 13 फरवरी को समाप्त भी हो चुकी है। दूसरी श्रेणी में चुनाव ड्यूटी वाले कार्मिकों को प्रशिक्षण के दौरान या ड्यूटी से लौटने के बाद ड्राप बॉक्स में अपना बैलेट जमा करने का विकल्प मिलता है, जो कर्मी ऐसा नहीं कर पाते हैं वो मतदान के बाद भी डाक से अपना वोट भेज सकते हैं। तीसरी श्रेणी सैन्य मतदाताओं की है, उन्हें डिजिटल माध्यम से पोस्टल बैलेट भेजे गए, जो उन्हें डाउनलोड और प्रिंट निकालने के बाद अपना मत दर्ज करते हुए वापस डाक से भेजने हैं। अब तक बाद की दोनों श्रेणियों (चुनाव कर्मी और सैन्य मतदाताओं ) में बहुत कम मतदान हुआ है। इन दोनों श्रेणियों के मतदाता अब भी अपना वोट भेज सकते हैं। दस मार्च की सुबह आठ बजे तक रिटर्निंग अधिकारी को प्राप्त होने वाले ऐसे सभी बैलेट पेपर मतगणना में शामिल होंगे।
पुलिस के वोटों पर नजर
चुनावकर्मियों को जारी 58,048 पोस्टल बैलेट में पुलिसकर्मियों के वोट भी शामिल हैं। इस श्रेणी में अभी 26,068 वोट नहीं पड़े हैं। कांटे की टक्कर में यह वोट अहम हो सकते हैं। इस कारण पिछले दिनों पूर्व सीएम हरीश रावत लालकुआं थाने में जा कर पुलिसकर्मियों से सम्पर्क करते नजर आ चुके हैं। निचले रैंक के पुलिस कर्मियों के बीच ग्रेड पे का मुद्दा छाया रहा है।
एक लाख से ज्यादा पोस्टल बैलेट अभी तय करेंगे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला
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