रुद्रपुर। रोडवेज बस अड्डे से लोकल रूटों पर संचालित बसों में सीसीटीवी नहीं लगाए गए हैं। इस कारण बसों में होने वाली घटनाओं पर परिवहन निगम नजर नहीं रख पा रहा है। डिपो में आईं नई 20 बसों में सीसीटीवी में लगे हैं लेकिन पुरानी बसों में सीसीटीवी लगाने के लिए निगम प्रबंधन की कोई योजना नहीं है। दोनों बसों में किराया समान है लेकिन सीसीटीवी लगी बसों के यात्री सामान की सुरक्षा के लिए कम चिंतित रहते हैं। रुद्रपुर डिपो से परिवहन निगम की 42 और अनुबंधित 36 बसों का संचालन होता है। वर्ष 2020 में निगम की ओर से डिपो में 20 नई बसें आईं थीं जो सीसीटीवी से लैस हैं। हालांकि नई बसों का संचालन दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ जैसे कई लंबे रूटों पर है लेकिन अनुबंधित बसों का संचालन काशीपुर, खटीमा, बरेली तक होता है। निगम की पुरानी 22 बसें लोकल रूट के अलावा हरिद्वार, देहरादून, मुरादाबाद तक चलतीं हैं। 20 नई बसों को छोड़ कर डिपो से चलने वालीं 58 बसों में सीसीटीवी नहीं लगे हैं यात्रियों का कहना है कि बसों में छेड़खानी, चोरी, ठगी, जहरखुरानी का खतरा रहता है। बसों में सीसीटीवी लगने से अपराध कम हुए हैं। इसके बावजूद अधिकारियों का कहना है कि पुरानी बसों में सीसीटीवी लगाने का आदेश नहीं मिला है। इस वजह से पुरानी बसों में सीसीटीवी नहीं लगे हैं। जिन बसों में सीसीटीवी लगे हैं वह सीधे निगम मुख्यालय से जुड़े हैं।
आईएसबीटी की कार्यशाला हुई तैयार
रुद्रपुर। रोडवेज डिपो में नई कार्यशाला बन चुकी है। पिछले वर्ष जून से रुद्रपुर डिपो में आईएसबीटी का निर्माण कार्य शुरू हो गया था। करीब सात माह बाद आईएसबीटी के कार्यशाला भवन का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। करीब दो माह पहले रोडवेज की पुरानी कार्यशाला के टीनशेड को तोड़ दिया गया था। अब आईएसबीटी में नई कार्यशाला का टिनशेड बन चुका है। वहां बसों की मरम्मत भी होने लगी है। सीसीटीवी न होने से बस के खड़े रहने पर भी लगातार सामान की निगरानी करनी पड़ती है। बहुत जरूरी होने पर भी सामान छोड़कर बस से बाहर नहीं जा सकते हैं। बसों में सवार अपराधी चोरी, जहरखुरानी करते रहते हैं। – संजय, टनकपुर।
शहर में आकर वह काफी महंगा सामान खरीद कर ले जा रहे हैं जो खटीमा में नहीं मिलता लेकिन सामान की सुरक्षा के लिए वह बेफिक्र नहीं हो सकते। सभी बसों में सीसीटीवी होता तो चिंता कम होती। – यात्री औसेश्वर, खटीमा।
बस में सीसीटीवी न होने से जहरखुरानी व ठगों के हौसले बुलंद हो जाते हैं। वे बस में सवारी की तरह बैठकर वह आसानी से लोगों का सामान चुरा देते हैं। घटना होने के बाद भी वे चिह्नित नहीं हो पाते। – रविंद्र बरेली।
रोडवेज बस में सामान और मोबाइल फोन चोरी होने का खतरा अधिक रहता है। यदि बसों में सीसीटीवी होता तो चोरी गया सामान वापस मिल जाता है लेकिन सीसीटीवी न होने से चोरी गया सामान मिलने की उम्मीद नहीं है। – प्रमोद, बरेली।
डिपो से संचालित सभी नई बसों में सीसीटीवी लगे हैं लेकिन पुरानी बसों में सीसीटीवी लगाने के लिए मुख्यालय से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। मुख्यालय से आदेेश आने के बाद सभी बसों को सीसीटीवी से लैस किया जाएगा। – महेंद्र कुमार, कार्यवाहक एआरएम, रुद्रपुर डिपो।
लोकल रूट की बसों में दौड़ रही बसों में सीसीटीवी नहीं
RELATED ARTICLES