Tuesday, December 3, 2024
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किसी को भाया तो कोई बोला पसंद नहीं आया

मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को पेश किया है। जिस पर स्थानीय अधिवक्ता, व्यापारी, छात्र-छात्राओं ने अपनी मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। किसे ने बजट को बेहतर बताया तो किसी ने बजट को निराशाजनक बताया है। बजट आने के बाद दैनिक जागरण ने लोगों से बातचीत की।बजट निराशाजनक रहा। इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद थी। जो कि पुराना स्लैब ही रखा गया है। जिससे करदाताओं को किसी भी प्रकार की राहत मिल सकी है। जबकि यह चुनावी बजट था। इस पर करदाताओं के लिए कुछ नया होना चाहिए था। केंद्र के इस बजट को लेकर आम आदमी के हाथ निराशा लगी है। धीरज कोरंगा, अधिवक्ता आजादी के अमृत महोत्सव के इस कालखंड का यह अमृत बजट है। बजट आम आदमी की आकांक्षाओं के अनुरूप है। आत्मनिर्भर भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाले बजट का हम स्वागत करते हैं। समाज के प्रत्येक तबके किसानों, युवाओं, महिलाओं के लिए एक प्रगतिशील बजट है।
सौरव जोशी, छात्र।
एमएसपी और किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को ये बजट पूरा करेगा। भारत के युवाओं को 60 लाख नौकरियां मिलेगी, जिससे उन्हें आगे बढ़ने में सहायता होगी।
कृष्णा फस्र्वाण, छात्र
स्किल डवलपमेंट के लिए डिजिटल देश ई-पोर्टल लांच किया जाएगा। पीएम ई विद्या के वन क्लास वन टीवी चैनल कार्यक्रम को 12 से 200 टीवी चैनलों तक बढ़ाया जाएगा। यह सभी राज्यों को कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में सप्लीमेंट्री शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। यह एक सराहनीय पहल है।
पूजा फस्र्वाण, छात्रा महामारी ने जन स्वास्थ्य पर गहरा दुष्प्रभाव डाला है। खासकर लोगों की मानसिक दशा पर खासा असर पड़ा है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम लांच किया जाएगा। यह कदम सराहनीय है। बेरोजगारों की उम्मीदों से भरा बजट है।
भावना बजेरिया, छात्रा कुल आबादी के सिर्फ चार प्रतिशत लोगों के प्रभाव वाले शेयर मार्केट में उछाल की गोदी मीडिया की मसालेदार खबरों के बीच पढ़ा गया। सीता रमन के बजट में बेरोजगारों, मजदूरों के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। जिससे देश भर मे निराशा फैली है।
रमेश कृषक, सवाल संगठन
बजट 2022 को लोकलुभावन और चुनावी बजट नहीं कहा जा सकता है। क्यों कि डिजिटल लाइजेंशन पर पूरा फोकस किया गया है। जो वैक्सीन वाला बजट न होकर एक बूस्टर डोज है। जो तुरंत रिलीव न देकर भविष्य का सपना है। बजट में जनरल शिक्षा के बजाए स्किल डेपलपमेंट को बढ़ाया दिया गया है। भारतीय क्रिप्टो करेंसी आरबीआइ जारी करेगा। साथ ही आयकर रिर्टन में सुधार के लिए दो वर्ष का समय दिया गया है।
एडवोकेट राजेश रौतेला, कर सलाहकार कारपोरेट टैक्स को 18 फीसद से घटाकर 15 फीसद किया गया है। दिव्यागों को भी कर राहत है। 2022-23 में पीएम आवास योजना के तहत 80 लाख मकान बनाने का लक्ष्य है। सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान की खरीद के लिए 2.37 लाख करोड़ रुपये भुगतान करेगी। पहाड़ वासियों को बजट में कुछ नया नहीं मिल सका है।

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