उत्तराखंड सरकार ने यूपी सहित अन्य राज्यों से प्रदेश में आने वाली रोडवेज बसों के लिए टैक्स तो बढ़ा दिया, लेकिन इसे वसूलने में परिवहन विभाग नाकाम साबित हो रहा है। हालात यह हैं कि नवंबर माह से अब तक एक-दो डिपो को छोड़कर यूपी की रोडवेज बसें बिना टैक्स के धड़ल्ले से उत्तराखंड में संचालित हो रही हैं। औपचारिक तौर पर फिर परिवहन विभाग टैक्स वसूली के लिए नोटिस भेज रहा है। उत्तराखंड सरकार ने अक्तूबर में यूपी सहित अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वाली रोडवेज बसों का टैक्स बढ़ा दिया था। पहले रोडवेज बसों से 100 रुपये प्रति सीट प्रतिमाह की दर पर टैक्स वसूला जाता था जो बढ़कर 400 रुपये प्रति सीट प्रतिमाह कर दिया गया था। यह दरें नवंबर से लागू हो गईं थी लेकिन नवंबर से ही यूपी रोडवेज के कई डिपो ने टैक्स जमा नहीं कराया। हालात यह हैं कि यूपी रोडवेज की बसें धड़ल्ले से बिना टैक्स जमा कराए उत्तराखंड में संचालित हो रही हैं। कोई पूछने वाला नहीं है।
कितनी बसें आती हैं, अब तक पता नहीं
उत्तराखंड परिवहन निगम की बात करें तो हर महीने निगम, यूपी को एक से दो करोड़ रुपये बतौर टैक्स देता है। पिछले दिनों तीन बसों का टैक्स जमा न होने की वजह से रोक लिया था। यूपी से विभिन्न मार्गों से उत्तराखंड में रोजाना कितनी बसें आ रही हैं, इसकी परिवहन विभाग के पास सही जानकारी ही नहीं है। परिवहन विभाग ने एक सर्वे कराया था, जिसमें यह माना गया था कि यूपी से रोजाना 1400 रोडवेज बसें उत्तराखंड आ रही हैं। जब यह डाटा यूपी परिवहन निगम को भेजा गया तो उन्होंने इससे साफ इनकार करते हुए दावा किया कि केवल 600 बसें ही उनकी रोजाना उत्तराखंड आती हैं।
करोड़ों रुपये का हर महीने नुकसान
यूपी रोडवेज की जितनी बसें उत्तराखंड में आती हैं, उसके टैक्स की गणना की जाए तो नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकता है। यूपी की बसों का टैक्स न आने की वजह से उत्तराखंड को हर महीने कई करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। पिछले दिनों परिवहन सचिव रंजीत सिन्हा ने इस मामले का संज्ञान लिया था। उनके निर्देश पर परिवहन विभाग के अधिकारियों को टैक्स वसूली में लगाया गया था। एआरटीओ द्वारिका प्रसाद का कहना है कि वह लगातार यूपी परिवहन निगम को टैक्स वसूली के लिए नोटिस भेज रहे हैं।
नोटिस: छह माह से बिना टैक्स जमा किए उत्तराखंड में चल रहीं यूपी रोडवेज की बसें, डाटा मांगा गया तो मिला ये जवाब
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