ऊधमसिंह नगर जिले में संचालित चार चीनी मिलों ने गन्ना किसानों का करीब 125 करोड़ रुपये भुगतान नहीं किया है। गन्ना पेराई शुरू होने से पहले सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया था कि किसानों का भुगतान समय से किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका है। बाजपुर चीनी मिल ने सर्वाधिक 52.50 करोड़ रुपये का भुगतान रोक रखा है। बाजपुर चीनी मिल में नवंबर में मिल का पेराई सत्र शुरू हुआ था। पूरे जिले में 125 करोड़ की किसानों को देनदारी में से अकेले बाजपुर के किसानों का ही मिल पर 52 करोड़ 50 लाख रुपये बकाया है। ऐसे में किसान भी अपने भुगतान की मांग सरकार से कर रहे हैं, लेकिन शुगर फेडरेशन एवं सरकार किसानों की मांग को अनसुना कर रही है। इसी तरह किच्छा चीनी मिल पर किसानों का 47 करोड़ 49 लाख रुपये बकाया है। जबकि नादेही चीनी मिल पर भी करीब चार करोड़ रुपये गन्ना भुगतान बकाया है। इससे किसान परेशान हैं।
चेन में खराबी से किच्छा मिल भी रही बंद
किच्छा। चीनी मिल पेराई सत्र शुरू होते ही चैन में खराबी आने के कारण शुगर मिल करीब 12 घंटे तक बंद रही। बीच मे कई दिन बारिश होने के कारण गन्ने की उपलब्धता नहीं हो पाई। इस कारण चीनी मिल छह दिन बन रही। मिल से मिली जानकारी के मुताबिक, बारिश के कारण किसान के खेतों में पानी भर गया था।
सितारगंज मिल पर 22 करोड़ बकाया
किसान सहकारी चीनी मिल ने इस बार 9.20 लाख कुंतल गन्ना खरीद की है। इसमें से 2.63 लाख कुंतल गन्ने का करीब 9.25 करोड़ का भुगतान किया है। जबकि मिल पर किसानों का बकाया मूल्य करीब 22 करोड़ बकाया है। प्रधान प्रबंधक आरके सेठ के मुताबिक, 27 दिसंबर तक क्रय किये गन्ने का 9.25 करोड़ का भुगतान चीनी बेचकर किया गया है। सितारगंज चीनी मिल ने दो दिसंबर से पेराई शुरू की थी। कहा कि तैयार हो रही चीनी को बिक्री कर लगातार गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा रहा है।
जसपुर नादेही मिल में दो बार सत्र हुआ प्रभावित
रिकवरी में अव्वल नादेही चीनी मिल में भी इस साल दो बार पेराई सत्र प्रभावित हुआ है। चीनी मिल बंद होने के पीछे बैगास का गीला होना मुख्य कारण रहा है। जब जब मिल बंद रही किसानों का गन्ना नहीं तुल सका। इससे किसानों को खासा परेशानी हुई।
गन्ना किसानों की पुरानी डिमांड,125 करोड़ दबाए बैठीं चीनी मिलें, भुगतान की मांग
RELATED ARTICLES