रक्षाबंधन भाई-बहन के आपसी प्रेम का त्योहार है। बहनें भाइयों की कलाई पर राखियां बांधकर उनके जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा योग का साया है। 11 अगस्त को रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई पर राखी बांधने का करीब एक घंटे और 12 अगस्त को ब्रह्म मुहूर्त में तड़के मात्र 48 मिनट का ही मुहूर्त है। हिंदू पंचांग की मान्यता के अनुसार राखी हमेशा शुभ मुहूर्त पर ही बांधी जानी चाहिए। रक्षाबंधन के दिन भद्राकाल का विशेष ध्यान दिया जाता है। भद्राकाल का साया रहने पर राखी नहीं बांधी जाती है। शास्त्रों में भद्राकाल के समय को बहुत ही अशुभ माना गया है।
ये है शुभ मुहूर्त
भारतीय प्राच्य विद्या सोसायटी के ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्रपुरी के मुताबिक उत्तराखंड में विशेष रूप से भद्रा का ध्यान रखा जाता है। इसलिए 11 अगस्त को रक्षाबंधन पर भाई की कलाई में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त शाम को 8.50 बजे से 9.50 तक ही है। क्योंकि पूरे दिन भद्रा रहेगी। भद्रा में रक्षाबंधन नहीं होता है। उन्होंने बताया कि 12 अगस्त को पूर्णिमा एक घंटे के लिए है। किसी त्योहार को मानने के लिए करीब तीन घंटे तक वह तिथि होनी चाहिए जो 12 को नहीं होगी, इसलिए 11 अगस्त को प्रदोष काल में राखी बंधन होगा। लेकिन 12 अगस्त को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4.29 बजे से 5.17 बजे तक राखी बांधने का मुहूर्त रहेगा। शुक्ल यजुर्वेद ब्रह्मण 11 तारीख को दिनभर रक्षा अनुसंधान कर सकेंगे।
11 को दिन भर रहेगा भद्रा का साया, बहनें इस शुभ मुहूर्त में बांधे भाई की कलाई पर राखी
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