वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी अमेरिका यात्रा पूरी करके शुक्रवार को भारत के लिए रवाना हो गए। इस यात्रा के दौरान उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी, रक्षा एवं सुरक्षा, ऊर्जा तथा दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों सहित विभिन्न विषयों पर उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ता की। मोदी बुधवार को फ्रांस से अमेरिका पहुंचे और बृहस्पतिवार (भारतीय समयानुसार शुक्रवार के दिन) को ट्रंप ने उनकी मेजबानी की।
रिपब्लिकन नेता ने पिछले महीने दूसरे कार्यकाल के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद पहली द्विपक्षीय वार्ता की मेजबानी की। वार्ता के दौरान भारत और अमेरिका ने रक्षा, ऊर्जा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने रणनीतिक संबंधों को व्यापक बनाने में एक बड़ी छलांग लगाने का फैसला किया। दोनों पक्षों ने आपसी हितों के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विकास पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के साथ उनकी ‘उत्कृष्ट’ बैठक हुई और उनकी ये बातचीत ‘भारत-अमेरिका मित्रता को महत्वपूर्ण गति प्रदान करेगी।’ मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘राष्ट्रपति ट्रंप अक्सर एमएजीए के बारे में बात करते हैं। भारत में हम विकसित भारत की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसका अमेरिकी संदर्भ में मतलब एमआईजीए है। भारत-अमेरिका समृद्धि के लिए मेगा साझेदारी कर रहे हैं।’’
मोदी के साथ अपनी वार्ता के बाद ट्रंप ने घोषणा की कि वाशिंगटन अरबों डॉलर की सैन्य आपूर्ति बढ़ाने के तहत भारत को एफ-35 लड़ाकू विमान उपलब्ध कराने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा पर मीडिया को संबोधित करते हुए विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, ‘‘अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री ने अमेरिका की बहुत ही सार्थक यात्रा पूरी की है…।’’
अमेरिका की इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड सहित प्रमुख अमेरिकी अधिकारियों से भी मुलाकात की। उन्होंने ‘स्पेसएक्स’ के सीईओ एलन मस्क और भारतीय-अमेरिकी उद्यमी विवेक रामास्वामी सहित प्रमुख व्यापारिक नेताओं के साथ भी बातचीत की।
एलन मास्क नवगठित सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) का भी नेतृत्व करते हैं। अमेरिका दौरे से पहले मोदी ने फ्रांस में दो दिन की यात्रा के दौरान मंगलवार को पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन समिट’ की सह-अध्यक्षता की और बुधवार को उनके साथ द्विपक्षीय चर्चा भी की। उन्होंने 14वें भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को भी संबोधित किया।
क्या-क्या हुए समझौते? इंडो पैसेफिक में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने का निर्णय। यानी चीन का सामना करने के लिए Quad को प्राथमिकता मिलेगी। Quad भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का समूह है। क्रिटिकल खनिज, एडवांस्ट मटेरियल और फार्मास्यूटिकल की मजबूत सप्लाई चैन बनाई जाएगी। संयुक्त निर्माण, संयुक्त विकास और टेक्नोलॉजी के ट्रांसफर पर और ज्यादा जोर दिया जाएगा। लॉस एंजिलिस और बोस्टन में भारत के वाणिज्य दूतावास खुलेंगे। अमेरिकी यूनिवर्सिटियों को भारत में ऑफशोर कैंपस खोलने का निमंत्रण दिया गया है। भारत और अमेरिका के बीच तेल और गैस व्यापार मजबूत होगा यानी भारत अब अमेरिका से ज्यादा तेल और गैस खरीदेगा। अमेरिका भारत में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों की दिशा में सहयोग बढ़ाएगा.
आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने का फैसला लिया गया। इस क्रम में जल्द ही 26/11 अटैक के मास्टरमाइंड में से एक तहव्वूर राणो को जल्द ही अमेरिका से भारत भेजा जाएगा। रक्षा सौदों में अमेरिका से भारत के फाइटल जेट खरीदने की डील प्रमुख रही। भारत अब अमेरिका से F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान खरीदेगा। अमेरिका IMEC यानी ‘भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे’ के निर्माण में मदद करेगा। यह भारत से इजराइल, इटली और आगे अमेरिका तक जाएगा।