रुद्रपुर। तीन फर्मों ने बोगस फर्मों में फर्जी बिलिंग दिखाकर आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) लेने का मामला सामने आया है। जीएसटी की टीम ने लालपुर (किच्छा) और लालकुआं की तीनों फर्मों पर छापा मारकर करीब 20 करोड़ की हेराफेरी पकड़ी है। टीम ने फर्मों के कई दस्तावेज जांच के लिए कब्जे में ले लिए हैं। फर्मों की ओर से मौके पर दो करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं।
कई फर्मों की ओर से बिना कोई सामान खरीदे और बेचे सिर्फ फर्जी बिलों की खरीद दर्शाकर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। बृहस्पतिवार को केंद्रीय अभिसूचना इकाई देहरादून के अधिकारियों ने जीएसटी अधिकारियों के साथ नैनी प्लाईवुड प्राइवेट लिमिटेड लालपुर किच्छा, राहुल कान्ट्रैक्टर लालपुर और अमित इंटरप्राइजेज लालकुआं के व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर एक साथ छापा मारा। टीम ने प्रथम दृष्टया करीब 20 करोड़ के माल और सेवा पर आधारित गड़बड़ी पकड़ी है। बताया जा रहा है कि जांच में तीनों फर्मों ने दिल्ली और यूपी की बोगस फर्मों से सामान खरीद और बिक्री दर्शाकर आईटीसी लेने के साथ ही दावा भी किया है। विशेष अभियान में उपायुक्त केंद्रीय अभिसूचना इकाई उत्तराखंड (देहरादून) के धर्मेंद्र चौहान, विनय कुमार पांडेय, डिप्टी कमिश्नर विनय प्रकाश ओझा, सहायक आयुक्त गौरव पंत, टीकाराम चन्याल, उर्मिला पिंचा, हरिओम वर्मा, नंदन गिरी, अश्वनी कर्णवाल, संदीप अरोरा, संध्या रावत, मितेश्वरानंद, राजीव अग्रवाल, कुंदन सिंह पांगती आदि थे।
मैन पावर का है काम, बैटरी और टायर का ले लिया आईटीसी
रुद्रपुर। जीएसटी टीम की जांच में सामने आया कि राहुल कान्ट्रैक्टर का मूल काम मैन पावर का है लेकिन इस फर्म ने बैटरी और टायर की खरीद-बिक्री पर आईटीसी क्लेम लिया है जो उसके मुख्य व्यापार से ताल्लुक नहीं रखता है। टीमों ने जांच के दौरान मौके पर ही फर्म स्वामियों और प्रतिनिधियों के बयान भी दर्ज किए। फर्मों ने जांच पूरी होने के बाद और टैक्स की धनराशि जमा करने पर सहमति जताई है।
छह घंटे तक चली कार्रवाई
रुद्रपुर। फर्जी तरीके से लिए जा रहे आईटीसी क्लेम के मामले में तीनों फर्में जीएसटी टीम के रडार पर थीं। बीते कुछ समय से अधिकारियों की एक टीम फर्मों की कुंडली खंगाल रही थी। फर्जीवाड़े की पूरी जानकारी एकत्र करने के बाद बड़े स्तर पर टीमें गठित की गई जिनमें देहरादून के साथ ही ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले के अधिकारियों को भी शामिल किया गया। पूरी कार्रवाई को बेहद गोपनीय रखा गया था।
अरेस्ट वारंट लेकर आई थी टीम
रुद्रपुर। तीनों फर्मों पर कार्रवाई से पहले टीम ने पूरी पुख्ता तैयारी की थी। टीम अपने साथ अरेस्ट वारंट भी लेकर आई थी। बताया जा रहा है कि अरेस्ट वारंट के बारे में जांच के दौरान फर्मों के प्रतिनिधियों को भी जानकारी दी गई थी जिसके चलते फर्मों की ओर से दो करोड़ रुपये मौके पर जमा करा दिए गए।
लालपुर और लालकुआं में जीएसटी टीम का छापा
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