शताब्दी वर्ष के लिए राष्ट्रीय स्वयं संघ (आरएसएस) संगठन के वैश्विक विस्तार के साथ ही कई महत्वपूर्ण योजनाओं, गतिविधियों और आयोजनों की रूपरेखा तैयार कर रहा है। संघ के सभी प्रमुख पदाधिकारी तीन दिन से अहम चिंतन-मंथन में जुटे हुए हैं।
रायवाला स्थित औरावैली आश्रम में संघ की कोर ग्रुप की बैठक में विश्वभर में शाखाओं को शुरू कर संघ के विस्तार का निर्णय लिया गया। कोर ग्रुप के सदस्यों ने कहा कि आज कई देश संघ की कार्य पद्धति पर शोध कर रहे हैं। विश्व भर में संघ की कार्यप्रणाली, गतिविधियों, सेवा कार्यों को समझने की जिज्ञासा है। वहीं बैठक के दौरान कोर ग्रुप के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल समेत अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में संघ को मजबूत करने के विषय को प्रमुखता से रखा। रायवाला स्थित औरावैली आश्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की अध्यक्षता में करीब 10 घंटे तक कोर ग्रुप के सदस्यों की चिंतन बैठक चली। सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान संघ की कार्यप्रणाली को सुदृढ़ बनाने, विस्तारीकरण और पूर्वोत्तर राज्यों में संगठन को मजबूत करने पर चर्चा हुई। बैठक में ग्रुप के सदस्यों ने दावा किया कि आज राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ विश्व का सबसे बड़ा संगठन बन गया। देश ही नहीं, विश्व भर से वर्ष 2017 से 2021 के बीच लाखों लोगों ने विभिन्न माध्यमों से संघ जुड़ने की इच्छा व्यक्त की। कोर ग्रुप के सदस्यों ने कहा कि संघ के प्रति लोगों के बढ़ते रुझान के ध्यान में रखते हुए अब विश्व भर में विस्तार को गति देना समय की मांग है।
पश्चिम बंगाल में हिंसा पर चिंता, पूर्वोत्तर राज्यों में संगठन का विस्तार करेगा संघ
सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल समेत पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा की घटनाओं को लेकर चिंता व्यक्त की गई। इन राज्यों में नई शाखाएं शुरू कर संगठन के विस्तार के विषय भी मथन किया गया। कोर ग्रुप के सदस्यों ने कहा कि कोरोना काल में संघ के स्वयंसेवकों ने अतुलनीय सेवा कार्यों का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि 10 लाख स्वयंसेवकों को कोरोना काल महामारी के दौरान जरूरतमंदों तक हरसंभसव मदद पहुंचाने के लिए तैयार किया गया।
बैठक में संघ कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, सह कार्यवाह मनमोहन वैद्य, मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, शारीरिक प्रमुख सुनील कुलकर्णी, बौद्धिक प्रमुख स्वांत रंजन, व्यवस्था प्रमुख मंगेश भिंड, प्रचार प्रमुख सुरेश चंद, प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर, प्रचारक प्रमुख सुरेश चंद, सेवा प्रमुख पराग अभ्यंकर, सुरेश जोशी भैया जी, कृष्ण गोपाल, इंद्रेश कुमार, राम माधव, जे नंद कुमार, रामलाल जी, बीएल संतोष, मिलिंद मराठे आदि उपस्थित थे।
स्थापना वर्ष 2025 तक संघ के विचारों को आम आदमी तक पहुंचाएंगे कार्यकर्ता
आरएसएस वर्ष 2025 में शताब्दी वर्ष पूरा करने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार बैठक में शताब्दी वर्ष के लक्ष्य और उनको पूरा करने की कार्ययोजना में कोर ग्रुप के सदस्यों ने गहन मंथन किया। शताब्दी वर्ष में देश के प्रत्येक प्रांत के गांव तक संघ की शाखाएं शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। बैठक में बदलते दौर सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से संघ के विचारों को आम जनमानस तक पहुंचाने जैसे विषयों पर भी कोर ग्रुप के सदस्यों ने चर्चा की। इस दौरान दो वर्ष का पूर्ण समय देने वाले लोगों को किया चिन्हित किया गया। मई और जून में संघ के प्रथम और द्वितीय प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम होने हैं।
कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास समेत देश की अहम समस्याओं पर भी मंथन
बीते तीन दिनों से संघ परिवार देश की विभिन्न समस्याओं को लेकर मंथन कर रहा है। सूत्रों के अनुसार कश्मीरी पंडितों के विस्थापन की स्थितियों की चर्चा करते हुए उनके पुनर्वास पर भी मंथन किया गया। इसके अलावा देश को उन्नति के शिखर पर ले जाने और विश्वगुरु बनाने की दिशा में भाजपा सरकार की नीतियों और उसके द्वारा उठाए कदमों की समीक्षा भी की गई।
ऋषिकेश : संघ ने शताब्दी वर्ष के लिए वैश्विक विस्तार का लक्ष्य बनाया, पूर्वोत्तर पर भी ध्यान
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