महिला विकास कार्यक्रमों को संचालित करने वाले 11 संविदाकर्मियों की नौकरी चली गई है। यह सभी संविदाकर्मी करीब तीन वर्षों से निरंतर महिला विकास के कार्यक्रमों को संचालित कर रहे थे। प्रदेश में महिला सशक्तीकरण केंद्र की स्थापना होने की वजह से संविदाकर्मियों को उनके पद से हटा दिया गया है। वर्ष 2018 में वन स्टॉप सेंटर की स्थापना के बाद उसे संचालित करने के लिए जिला टास्क फोर्स ने कई लोगों को संविदा के तौर पर रखा था। वर्ष 2019 में महिला हेल्पलाइन, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना व महिला सुरक्षा और सलाह केंद्र को संचालित करने के लिए करीब 11 लोगों को विकास भवन में संविदा के तौर पर रखा गया था।
सभी कर्मचारियों ने करीब तीन वर्ष तक इन कार्यक्रमों को संचालित किया। हाल ही में महिला बाल विकास मंत्रालय ने प्रदेश में महिला सशक्तीकरण केंद्र खोलने का प्रस्ताव दिया। इसके चलते पुराने कर्मचारियों को उनकी सेवाओं से एक दिसंबर से हटा दिया गया है। इससे कई लोगों के रोजगार पर भी असर पड़ा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी उदय प्रताप सिंह का कहना है कि मंत्रालय से आए पत्र में पुराने संविदाकर्मियों को हटाने का आदेश दिया गया है। हालांकि पुराने कर्मचारियों को आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से फिर से रख लिया जाएगा। मिशन शक्ति योजना के तहत कई और भी नए पद सृजित होंगे।
प्रदेश में महिला सशक्तीकरण केंद्र की हुई स्थापना, 11 पुरुषों की नौकरी गई
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