सितारगंज। किराए के भवन में संचालित मुंसिफ कोर्ट को स्थापित करने की कवायद शुरू हो गई है। अब जल्द ही मुंसिफ कोर्ट का भवन बनेगा। इसके लिए जिला जज ने सिविल जज के साथ कोर्ट के लिए प्रस्तावित व चयनित भूमि का निरीक्षण किया। जिला जज ने जंगलात की कोठी को मुंसिफ कोर्ट स्थापित करने के लिए उपयुक्त बताया और तहसीलदार को भूमि की नपत कर आख्या देने के निर्देश दिए। इसके बाद नपत का कार्य भी शुरू हो गया। बीते 2016 से नगर के सहकारी गन्ना विकास समिति के भवन में मुंसिफ कोर्ट संचालित है। कोर्ट के लिए वर्ग छह (2) की सितारगंज के खसरा संख्या 256/1 रकवा 1.2650 हेक्टेयर भूमि सिविल जज (जू.डि.) न्यायालय के नाम दर्ज अभिलेख है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमवाल ने मुंसिफ कोर्ट के सिविल जज प्रतीक मथेला के साथ उक्त भूमि का निरीक्षण किया। भूमि पर कोर्ट के लिए प्रस्तावित रास्ते की चौड़ाई कम होना बताया। इसके अलावा प्रस्तावित ग्राम कल्याणपुर में खसरा संख्या 1171 क मि. रकवा 1.000 हेक्टेयर भूमि के निरीक्षण में यह भूमि शहर से सात किमी दूर होने पर न्यायालय के लिए उचित न होने की बात कही। इसके वर्ग चार में दर्ज अभिलेख खसरा संख्या 20, 22 व 23 कुल 1.269 हेक्टेयर भूमि देखी।
यहां भी आवागमन के लिए मुख्य रास्ते से रास्ते की चौड़ाई 18 फीट कम चौड़ी होने के कारण इसे भी उचित नहीं ठहराया। अधिवक्ताओं की जानकारी पर जिला जज ने ग्राम रम्पुरा के खाता संख्या-1797 खसरा संख्या-13 रकवा 1.650 हेक्टेयर भूमि में बनी जंगलात की कोठी को देखा। यहां सिंचाई विभाग का कार्यालय व आवास बने हुए हैं। इस भूमि को सिविल न्यायालय की स्थापना के लिए उपयुक्त बताते हुए तहसीलदार जगमोहन त्रिपाठी को नपत कर आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस पर राजस्व उप निरीक्षक ने नपत का काम भी शुरू कर दिया। वहां अधिवक्ता नईम मलिक, दयानंद सिंह आदि थे।
सितारगंज में जल्द बनेगा मुंसिफ कोर्ट का भवन
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