हल्द्वानी। शासन ने सोमवार से कक्षा एक से स्कूल खोलने के निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत विद्यालय तो खुलेंगे लेकिन विद्यालयों में शिक्षकों के बगैर पठन-पाठन कैसे हो पाएगा, इसका किसी ने संज्ञान नहीं लिया है। जिले के अधिकांश यानी 90 फीसदी शिक्षक चुनाव ड्यूटी पर हैं। विद्यालयों में एक दो शिक्षक ही जो स्वास्थ्य, उम्र या अन्य कारणों से चुनाव ड्यूटी से बचे हैं वहीं तैनात हैं। ऐसे में कक्षा एक से 12 वीं कक्षा तक के बच्चों का पठन पाठन होना संभव प्रतीत नहीं होता है।
शासन के आदेशों के क्रम में सोमवार से प्राथमिक, जूनियर और इंटर तक सभी विद्यालय खोले जाने हैं। शिक्षा अधिकारियों ने सभी प्रधानाध्यापकों, प्रधानाचार्यों को विद्यालय खोलने के साथ ही विद्यालयों में कोविड को लेकर शासन से जारी एसओपी का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य शिक्षा अधिकारी कुंवर सिंह रावत का कहना है कि विद्यालयों को विधिवत खोलने के निर्देश जारी किए गए हैं। विद्यालयों में शासन की ओर से जारी एसओपी का पालन करने को कहा गया है। विद्यालयों को सैनिटाइज कराने के साथ ही सामाजिक दूरी, मास्क आदि का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव ड्यूटी में अधिकांश शिक्षक हैं लेकिन शासन के निर्देशों के क्रम में विद्यालय खोले जाएंगे।
कोविड का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। छोटे बच्चों को टीके भी नहीं लगाए गए हैं। ऐसी स्थिति में विद्यालयों को खोला जाना कतई उचित नहीं है। ऐसे में संक्रमण बढ़ सकता है। – मदन मोहन जोशी, संयोजक अभिभावक संघर्ष समिति
स्कूल खोलने की जल्दबाजी की जा रही है। ओमिक्रान का खतरा अभी टला नहीं है। बिना वैक्सीनेशन के स्कूल खोलने से दिक्कतें आ सकती है। इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। – प्रकाश चंद्र जोशी अभिभावक
शिक्षकों की ड्यूटी के चलते विद्यालयों में शिक्षण कार्य कैसे संभव होगा। बेहतर होता कि चुनाव के बाद ही विद्यालय खोले जाते। चुनाव पूर्व विद्यालय खोला जाना समझ से परे है। – नरेंद्र कुमार बगड्वाल, अभिभावक