अल्मोड़ा। स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर प्रशासन की ओर से जिला स्तर पर आयोजित कार्यक्रम का राज्य आंदोलनकारियों ने बहिष्कार किया। राज्य आंदोलनकारियों ने जिला मुख्यालय से 35 किमी दूर नगरखान में ध्वजारोहण किया। उन्होंने भविष्य में किसी भी सरकारी कार्यक्रम में भागीदारी नहीं करने का निर्णय लिया है। एक सितंबर को गांधी पार्क में धरना देने का एलान किया है।
वक्ताओं ने कहा कि जिला स्तर पर आयोजित समारोह में बुलाने के बावजूद राज्य आंदोलनकारियों को उचित सम्मान नहीं दिया जाता। इस बार राज्य आंदोलनकारियों ने जिला स्तर पर आयोजित समारोह का बहिष्कार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन के कई दावों के बावजूद इस बार अधिकतर राज्य आंदोलनकारियों को समारोह में आमंत्रित ही नहीं किया गया। राज्य आंदोलनकारियों को दी जाने वाली सुविधाओं में राज्य सरकार केवल दिखावे भर की सुविधाएं दे रही हैं। राज्य आंदोलनकारियों को जहां नाम मात्र पेंशन दी जा रही है वहीं शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन सुविधा के लिए राज्य सरकार की अनूठी शर्तों के चलते उनका विशेष लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है।
राज्य सरकार की नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण पर भी सरकार चुप्पी साधे है। जिला स्तरीय अधिकारियों की बेरुखी के चलते जहां नए राज्य आंदोलनकारियों का चिह्नीकर नहीं हो पा रहा है। शासनादेश के बावजूद मृतक राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को घोषणा के एक वर्ष होने को है लेकिन पेंशन स्वीकृत नहीं की जा रही है। इसलिए राज्य आंदोलनकारी भविष्य में किसी भी सरकारी कार्यक्रम में भागीदारी नहीं करेंगे। कार्यक्रम में ब्रह्मानंद डालाकोटी, शिवराज बनौला, मान सिंह बिष्ट, दौलत सिंह बगड़वाल, नवीन डालाकोटी, शंकर डालाकोटी, गोपाल बनौला, पूरन सिंह बनौला, पदम सिंह, सुंदर सिंह, महेश पांडे, बिशंभर पेटशाली आदि मौजूद थे।
स्वतंत्रता दिवस पर हुए जिला स्तरीय कार्यक्रम का राज्य आंदोलनकारियों ने किया बहिष्कार
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