Friday, November 1, 2024
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पूर्व सैनिकों ने पुरानी यादों को किया ताजा

1/3 गोरखा राइफल्स के पूर्व सैनिक परिवारों ने बटालियन का 207वां स्थापना दिवस और 142वां बहादुरी दिवस (बैटल ऑनर डे) धूमधाम से मनाया। इस दौरान पूर्व सैनिकों ने पुरानी यादों को ताजा किया और अपने अनुभव एक-दूसरे के साथ साझा किए। इस दौरान विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए।
रविवार को गोरखाली सुधार सभा में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कर्नल बीएस साइवान, कर्नल बीएस क्षेत्री और सभा के अध्यक्ष पद्म सिंह थापा ने सभी को शुभकामनाएं दीं। कर्नल सीबी थापा ने बताया कि 1/3 गोरखा राइफल्स स्थापना 24 अप्रैल वर्ष 1815 में हुई थी। 19 अप्रैल 1880 में द्वितीय अफगान विरोधी युद्ध के दौरान बटालियन ने बहादुरी से लड़कर जीत हासिल की। इसके लिए बटालियन को बहादुरी सम्मान (बैटल ऑनर) से अलंकृत किया गया। तभी से बटालियन ने देश-विदेश में कई युद्ध लड़े। कई वीर सैनिकों ने बटालियन और देश की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। बटालियन को कई पदकों से नवाजा जा चुका है। इसी संदर्भ में बटालियन के पूर्व सैनिक इस सम्मान दिवस को एक पर्व के रूप में मनाते हैं। इस दौरान पूर्व सैनिकों ने पुरानी यादों को ताजा किया। इस दौरान रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में कर्नल संदीप क्षेत्री, कर्नल सीबी थापा, कैप्टन सूरज थापा, कैप्टन ओबी थापा, कमल गुरुंग आदि मौजूद थे।
बटालियन की शौर्य गाथा सुन जोश से भर गए पूर्व सैनिक
देहरादून। सातवीं जम्मू-कश्मीर राइफल्स के पूर्व सैनिक संगठन ने बटालियन का 91वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। इस दौरान बटालियन की शौर्य गाथा सुन पूर्व सैनिक जोश से भर गए। पूर्व सैनिकों ने एक-दूसरे के साथ अनुभव साझा किए।
ऑनरेरी कैप्टन दिनेश कुमार प्रधान ने बताया कि पलटन को नौ मार्च 1932 में ले. जनरल महाराजा हरि सिंह बहादुर ने स्थापित किया था। लेफ्टिनेंट कर्नल बक्शी चंद कटोच पलटन के प्रथम कमांडिंग ऑफिसर थे। पलटन अनेक वीरता सम्मान मेडल्स से अलंकृत हैं। इनमें दो आईडीएसएम पदक, एक महावीर चक्र, एक (स्वतंत्रता पूर्व) कीर्ति चक्र, दो अति विशिष्ट सेवा मेडल, एक वीर चक्र, चार शौर्य चक्र, तीन युद्ध सेवा मेडल, एक उत्तम युद्ध सेवा मेडल, छह सेना मेडल, तीन विशिष्ट सेवा मेडल, 37 ऑफ आर्मी स्टाफ प्रशंसापत्र मिल चुका है। पलटन में 50 फीसदी डोगरा, 25 फीसदी गोरखा और 25 फीसदी मुस्लिम सैनिक हैं। यह पूरी भारतीय सेना में एक अनूठा संगम है।

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