Thursday, November 28, 2024
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तीन साल से बिना अनुबंध आयोग की परीक्षाएं करा रही थी आरएमएस कंपनी, कटघरे में अधिकारी

पेपर लीक में फंसी आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी तीन साल से बिना अनुबंध ही अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाएं करा रही थी। आयोग में कामकाज संभालने वाले नए अधिकारी भी यह देखकर हैरान-परेशान हैं। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के एक्ट के हिसाब से हर साल परीक्षा कराने वाली एजेंसी का चयन या नवीनीकरण की प्रक्रिया होनी चाहिए। आयोग में लखनऊ की आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी 2016 में तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत व सचिव एमएस कन्याल के कार्यकाल में सूचीबद्ध हुई थी। इसके बाद इस कंपनी का नवीनीकरण एक बार ही किया गया। 2019 में आरएमएस कंपनी का अनुबंध खत्म हो चुका है। बावजूद इसके आयोग ने अनुबंध नवीनीकरण की जरूरत नहीं समझी। बिना अनुबंध ही आयोग इस कंपनी से पेपर छापने के अलावा बायोमीट्रिक हाजिरी से लेकर तमाम काम कराता रहा।
नए अधिकारी इस लापरवाही को देखकर हैरान
आयोग के अध्यक्ष एस राजू के इस्तीफे और सचिव संतोष बडोनी के तबादले के बाद अब यहां नए अधिकारी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। सचिव पद पर एसएस रावत और परीक्षा नियंत्रक शालिनी नेगी यह लापरवाही देखकर हैरान हैं। उनके लिए तकनीकी दिक्कत यह भी आ रही है कि जिस कंपनी से अनुबंध ही नहीं था, उसे कैसे कार्रवाई की जद में लाया जाए। आरएमएस कंपनी का अनुबंध 2019 में खत्म हो चुका है। इसके बाद आयोग के स्तर से इसका अनुबंध नवीनीकरण नहीं किया गया। मैंने पूर्व अधिकारियों से बात की तो उन्होंने बताया कि कोविड की वजह से नवीनीकरण की प्रक्रिया नहीं हो पाई थी। ऐसे में तकनीकी दिक्कतें तो हैं, लेकिन हम कार्रवाई करेंगे। – एसएस रावत, सचिव, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग
पेपर लीक करने वाली आरएमएस कंपनी होगी ब्लैक लिस्ट
पेपर लीक प्रकरण में फंसी पेपर छापने वाली लखनऊ की आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ब्लैक लिस्ट करने जा रहा है। एसटीएफ ने आयोग को कंपनी की भूमिका संबंधी रिपोर्ट सौंप दी है। पेपर लीक मामले में एसटीएफ कंपनी के निदेशक राजेश चौहान सहित कई कर्मचारियों को सलाखों के पीछे भेज चुकी है। इस मामले में कंपनी की भूमिका को लेकर आयोग ने एसटीएफ से रिपोर्ट मांगी थी। एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप दी है। इसमें बताया गया है कि किस तरह से इस कंपनी के कर्मचारी और मालिक पेपर लीक में पकड़े गए हैं। आयोग के सचिव एसएस रावत ने बताया कि एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर कंपनी को नोटिस दिया जा रहा है। इसके बाद इसे ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से लेंगे सलाह
पेपर छापने वाली आउटसोर्सिंग कंपनी के पेपर लीक में फंसने के बाद अब आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती आगामी परीक्षाओं के लिए कंपनी के चयन की है। दूसरी चुनौती परीक्षाओं को पूर्ण पारदर्शिता और सुरक्षा के साथ कराने की भी है। आयोग के सचिव एसएस रावत के मुताबिक, वह इस मामले में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से भी सलाह लेंगे। उनका परीक्षा पैटर्न समझेंगे।

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