Thursday, July 24, 2025
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ग्लेशियर जाने वाले ट्रैकरों को साथ लाना होगा अपना कूड़ा, नहीं लाए तो लगेगी हजारों रुपये की चपत

पिंडारी, सुंदरढूंगा, कफनी ग्लेशियरों को स्वच्छ रखने के लिए वन विभाग ने अनूठी पहल की है। अब ट्रैकरों को ग्लेशियरों से अपना कूड़ा हर हाल में वापस लाना होगा। ऐसा न करने पर उन्हें हजारों रुपयों की चपत लग सकती है। विभाग की इस पहल का असर भी दिखने लगा है। ट्रैकिंग पर जाने वाले ट्रैकर अपने साथ कूड़ा लाकर वन विभाग की चौकी में जमा कराने लगे हैं। जिले के ट्रैकिंग रूटों पर हर साल देश और विदेश के ट्रैकर आते हैं। स्थानीय लोग भी मवेशियों के चुगान आदि कार्यों के लिए ट्रैकिंग रूटों पर जाते हैं। इससे साथ में जरूरी सामान ले जाने से ग्लेशियरों में काफी कूड़ा जमा हो जाता था। इसकी सफाई के लिए विशेष अभियान चलाना पड़ता था। इस समस्या को सुलझाने के लिए वन विभाग ने अब ट्रैकरों के लिए स्वच्छता सुरक्षा शुल्क का प्रावधान किया है।
ग्लेशियर रेंज के रेंजर शंकर दत्त पांडेय ने बताया कि ट्रैकिंग पर जाने वालों से सुरक्षा शुल्क के रूप में वन विभाग के नाम का डिमांड ड्राफ्ट 15 सितंबर से जमा करवाया जा रहा है। स्थानीय ट्रैकरों के लिए यह शुल्क 2000, देसी पर्यटकों, ट्रैकरों के लिए 5000 और विदेशियों के लिए 10,000 रुपये है। सभी ट्रैकरों से अपना कूड़ा साथ लाने की अपील की जा रही है। वापसी में कूड़ा लाने पर ट्रैकरों को उनका डिमांड ड्राफ्ट लौटा दिया जाता है। कूड़ा न लाने पर राशि विभागीय खाते में जमा हो जाएगी। बताया कि इस अभियान का व्यापक असर दिख रहा है। सभी ट्रैकर अपने साथ कूड़ा लेकर ही लौट रहे हैं। ग्लेशियरों को गंदगी से बचाने के लिए शुरू की गई इस मुहिम का सकारात्मक असर हो रहा है। ट्रैकर अपना कूड़ा साथ लेकर लौट रहे हैं। पहले बहुत कम ट्रैकर ही कूड़ा लेकर आते थे। वन विभाग की चौकी में ट्रैकरों का कूड़ा जमा कराकर निस्तारण के लिए कपकोट नगर पंचायत के सुपुर्द कर दिया जाता है। – हिमांशु बाघरी, डीएफओ, बागेश्वर वन प्रभाग

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