Thursday, October 31, 2024
Homeउत्तराखण्डचीन सीमा को जोड़ने वाले हाईवे पर लकड़ी के सहारे टिके हैं...

चीन सीमा को जोड़ने वाले हाईवे पर लकड़ी के सहारे टिके हैं कलमठ

धौलछीना (अल्मोड़ा)। भारत-चीन सीमा पर सुरक्षा के लिए पहुंचने वाले जवानों, सेना का साजो-सामान पहुंचाने के साथ ही मानसरोवर यात्रा मार्ग अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे सरकारी मशीनरी की लापरवाही की पोल खोल रहा है। इस हाईवे पर गुणवत्ता खराब होने से कई कलमठ क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। यह लकड़ी के सहारे टिके हैं। इस हाईवे पर हर रोज सेना के साथ ही रोडवेज बस और सामान से लदे भारी वाहन गुजरते हैं। ऐसे में टूटे और लकड़ी के सहारे टिके कलमठों से खतरा कई गुना बढ़ गया है। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे पर बाड़ेछीना से सेराघाट तक 13 किमी दायरे में पांच से अधिक कलमठ ऐसे हैं जो गुणवत्ता सही नहीं होने पर टूट चुके हैं। इन कलमठों से डामर और सीमेंट उखड़ने से सरिया दिख रही है और ये धंस गए हैं। इन्हें ठीक करने के बजाय विभाग ने इनके धंसाव को रोकने के लिए लकड़ी का सहारा लिया है, जिस पर यह टिके हैं। इस हाइवे से सेना और आईटीबीपी पिथौरागढ़ स्थित चीन सीमा की सुरक्षा के लिए धारचूला और मिर्थी डीडीहाट तक पहुंचती है। वहीं हर रोज इस सड़क पर रोडवेज बस और अन्य वाहनों से 10 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। ऐसे में लकड़ी के सहारे टिके कलमठों से भारी वाहन गुजरने से दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है।
कलमठों की गुणवत्ता पर उठ रहे हैं सवाल
धौलछीना। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ हाईवे पर छोटे और भारी वाहनों का अधिक दबाव रहता है। इस सड़क से सेराघाट सहित पिथौरागढ़ के बेणीनाग, डीडीहाट, धारचूला तक आवाजाही होती है। जवानों के साथ सेना का साजो सामान इसी सड़क से चीन सीमा तक पहुंचता है। ऐसे में इस सड़क पर कलमठों का टूटना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। इन कलमठों पर बने छेद सरकारी मशीनरी की संजीदगी के खोखले दावों को बयां कर रहे हैं।
सुरक्षा दीवार भी है क्षतिग्रस्त
धौलछीना। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ स्टेट हाईवे पर 18 किमी दायरे में नौ स्थानों पर सुरक्षा दीवार ध्वस्त है, जिससे सड़क संकरी हो गई है। ऐसे में इस सड़क से सेना के भारी वाहन किसी तरह आवाजाही कर रहे हैं। ऐसे में जवानों की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं। मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अभियंताओं की टीम मौके पर भेजी जाएगी। यदि लापरवाही सामने आई तो कार्रवाई होगी। भू धंसाव हो रहा है तो इसका सर्वे भी कराया जाएगा। – आशुतोष कुमार, ईई, प्रांतीय निर्माण खंड, लोनिवि, अल्मोड़ा।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments