दूसरे राज्यों से उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करने वाले वाहनों से परिवहन विभाग ग्रीनसेस वसूलेगा, जो फास्टैग से कटेगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। टैक्स न देने वालों के खिलाफ ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनिशन (एएनपीआर) कैमरों की मदद से कार्रवाई भी की जाएगी। परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने बताया, ग्रीनसेस वसूली का प्रस्ताव तैयार हो चुका है। इसके तहत न केवल व्यावसायिक, बल्कि बाहरी राज्यों से उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश करने वाले हर निजी वाहन से भी सेस वसूला जाएगा। यह राशि 30 से 60 रुपये होगी, जो एक बार वाहन के प्रवेश करने पर फास्टैग खाते से कटेगी। यह कटौती 24 घंटे के लिए वैध होगी। यानी 24 घंटे के बाद राज्य की सीमा में प्रवेश करने वाले वाहन को दोबारा यह राशि देनी होगी। जो वाहन स्वामी ग्रीनसेस नहीं देंगे, उनके वाहनों पर एएनपीआर कैमरों की मदद से कार्रवाई की जाएगी।
सस्ता हो सकता है रोडवेज का सफर
प्रदेश में रोडवेज बसों से सफर सस्ता हो सकता है। परिवहन मंत्री ने समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से कहा, परिवहन निगम की बस संचालन के लिए केंद्र को अनुदान का प्रस्ताव भेजा जा रहा है। अनुदान मिलने की सूरत में किराया दरों में कमी की जा सकती है। बताया, इससे प्रदेशवासियों को बड़ी राहत मिलेगी। बताया, टैक्स की दरों में कमी का प्रस्ताव भी भेजा जा रहा है। निश्चित तौर पर आने वाले समय में यात्रियों को सुविधा होगी।
चारधाम यात्रा के लिए 60 हजार ट्रिप कार्ड
मंत्री ने बताया, परिवहन विभाग अबकी पर्यटन विभाग के साथ मिलकर चारधाम यात्रा के लिए 20 हजार ग्रीन कार्ड और 60 हजार ट्रिप कार्ड बनाएगा। यात्रा को सुगम बनाने के लिए जहां रोडवेज की 100 बसें संचालित की जाएंगी, वहीं निजी क्षेत्र व अन्य राज्यों की मदद से भी 350 वाहनों का इंतजाम किया जाएगा। रोडवेज के लिए अलग से स्टेशन बनाए जा रहे हैं। ड्राइवर, कंडक्टर के आराम के लिए भी व्यवस्था की जा रही है। परिवहन निगम की 100 सीएनजी बसों की खरीद इसी माह होगी। केंद्र से जो 33 करोड़ की रकम मिली है, उसमें से 20 करोड़ बस खरीद में इस्तेमाल होगा, बाकी रकम से इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। 200 प्राइवेट ई-वाहनों को भी अनुबंधित करने की योजना है।
अगले साल बेड़े से बाहर हो जाएंगी 450 रोडवेज बसें
मंत्री ने बताया, रोडवेज के बेड़े में वर्तमान में 991 बसें हैं, जिनमें से 450 बसें अगले साल बाहर हो जाएंगी। बीएस-6 इन बसों का इंतजाम किया जा रहा है। पहाड़ के लिए अलग से 28 से 32 सीट क्षमता की बसें लाई जा रही हैं।
दुर्घटना रोकने के लिए खास निर्देश
परिवहन मंत्री ने विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष में समीक्षा बैठक के बाद बताया, सेवा के अधिकार एक्ट के तहत परिवहन विभाग की 43 सेवाओं के साथ छह और सेवाओं को शामिल किया गया है। पर्वतीय क्षेत्रों में दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए नई सुरक्षा नीति का मसौदा, गति सीमा निर्धारण हेतु आरटी प्राधिकरण, दुर्घटना संभावित क्षेत्रों के चिन्हीकरण के साथ प्राथमिकता पर क्रैश बैरियर लगाने का काम चल रहा है। चालकों का प्रशिक्षण हो रहा है। दुर्घटना में तत्काल सहायता के लिए हर जिले को एक लाख की धनराशि दी गई है। इसके अलावा हर संभाग में सुरक्षा कोष खोला गया है। दुर्घटना राहत निधि में मजिस्ट्रेट जांच की बाध्यता को खत्म करने और धनराशि दो लाख करने का प्रस्ताव है।
वाहनों की नीलामी की जिम्मेदारी एमएसटीसी को
वर्ष 2022-23 में रिकॉर्ड 688 पुरानी गाड़ियों की नीलामी होने के बाद राजस्व की प्राप्ति के साथ संभागीय परिवहन कार्यालय, पुलिस स्टेशन की साफ सफाई से सुंदरता में बढ़ोतरी हुई। नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए यह जिम्मेदारी अब केंद्र सरकार की कंपनी एमएसटीसी को सौंपी गई है। वाहनों की फिटनेस के लिए पर्वतीय जिलों में मोबाइल वैन से फिटनेस करने को मोबाइल फिटनेस वाहन का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है।
यूपी-दिल्ली समेत दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों से परिवहन विभाग वसूलेगा ग्रीनसेस, ऐसे कटेगा
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