खटीमा। लालकोठी में दो दिनी उत्तरायणी कौतिक का सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ समापन हो गया। रविवार को लालकोठी स्थित शारदा नहर के तट पर आयोजित कौतिक में बड़ी संख्या में लोग उमड़े। मेले में नेपाल सहित आसपास के क्षेत्रों से आए लोगों ने लुत्फ उठाया। लोगों ने मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा स्नान का भी लाभ लिया। मेले के आखिरी दिन आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने कुमाऊंनी लोकगीत और पंजाबी नृत्य कर लोगों का मन मोह लिया। मेले के समापन पर मुख्य अतिथि नानकमत्ता विधायक गोपाल सिंह राणा ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति की धरोहर होते हैं। मेले के आयोजन से आपसी सौहार्द और भाईचारा बढ़ता है। उन्होंने कहा कि हम सभी को अपनी संस्कृति को संजोए रखने के लिए आगे आने की जरूरत है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मंडी समिति अध्यक्ष नंदन सिंह खड़ायत ने लोगों को मकर संक्रांति की बधाई देते हुए कहा कि उत्तरायणी पर्व का धार्मिक के साथ सांस्कृतिक महत्व भी है जो लोगों को परस्पर जोड़ने का कार्य करता है। समिति अध्यक्ष भूपेंद्र खोलिया ने मुख्य अतिथियों का आभार जताते हुए क्षेत्रवासियों को मेले के सफलतापूर्वक आयोजन पर सभी के सहयोग करने पर धन्यवाद दिया। संरक्षक राम सिंह जेठी, नवीन बोरा, देवेंद्र कन्याल, बसंत जोशी, उमेद सिंह रौतेला, पूरन जोशी आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। वहां मोहनी पोखरिया, जानकी जोशी, विमला बिष्ट, जानकी गोस्वामी लक्ष्मी देवी आदि थे।
बच्चों का यज्ञोपवीत संस्कार कराया
खटीमा। लालकोठी स्थित शारदा घाट पर इस बार बड़ी संख्या में यज्ञोपवीत कार्य संपन्न हुए। कड़ाके की ठंड के बाद भी लोगों ने अपने-अपने बच्चों के यज्ञोपवीत संस्कार कराए। लालकोठी शारदा घाट के सभी घाटों पर इस बार सुबह से दोपहर तक बड़ी संख्या में यज्ञोपवीत संस्कार हुए। उत्तरायणी कौतिक कमेटी अध्यक्ष भूपेंद्र खोलिया ने बताया कि इस बार लालकोठी के घाटों पर एक हजार से अधिक लोगों ने यज्ञोपवीत संस्कार संपन्न कराए।
प्राकृतिक सौंर्दयता के बीच लालकोठी शारदा घाट पर दो दिवसीय कौतिक का समापन
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