अल्मोड़ा। जिले की महिलाएं अब मडुवे के बिस्कुट से आत्मनिर्भर बनेंगी। गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान ने इसकी पहल शुरू की है। संस्थान ने ईको-स्मार्ट आदर्श ग्राम विकास परियोजना और आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ज्योली सिलिंग की महिलाओं को मडुवे के बिस्कुट बनाने का प्रशिक्षण दिया।
जीबी पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान की तरफ से ज्योली सिलिंग में महिला समूहों को दिया जाने वाला प्रशिक्षण संपन्न हुआ। संस्थान की वैज्ञानिक डॉ. शैलजा पुनेठा ने कहा पर्वतीय क्षेत्रों में सब्जी, फल उत्पादन के साथ ही खाद्य प्रसंस्करण स्वरोजगार का बेहतर जरिया बन सकता है। खाद्य प्रसंस्करण की प्रशिक्षक अंजली तिवारी ने महिलाओं को मिर्च का अचार, मडुवे के बिस्कुट बनाने का प्रशिक्षण दिया। दर्पण संस्था की अध्यक्ष विभू कृष्णा ने महिलाओं को आत्मनिर्भर होने के गुर बताए। प्रशिक्षण के दूसरे सत्र में प्रशिक्षणार्थियों को हिलांस के हवालबाग स्थित प्रसंस्करण इकाई का भ्रमण कराया गया। इकाई की कमला जोशी और मंजू नेगी ने आजीविका संस्था की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की जानकारी दी। वहां पर परियोजना के डॉ. देवेंद्र चौहान आदि थे।
मडुवे के बिस्कुट से महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर
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