गरुड़ (बागेश्वर)। इस महीने रिकॉर्ड पाला गिरने से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। पाले से खेतों में उगी गेहूं की फसल पीली पड़ गई है। कृषि विशेषज्ञों साग सब्जी और नर्सरी को पाले से बचाने के लिए प्लास्टिक चादर से ढकने का सुझाव दिया है। किसान डब्ल्यू पी का घोल का छिड़काव करके भी पाले से निपट सकते हैं। ठंड बढ़ने के साथ काफी पारा गिरन से दिसंबर खेतों और नर्सरी को नुकसान हुआ है। ग्रामीण क्षेत्र के किसानों ने छोटे प्रजाति के फलदार पेड़ों को कपड़ों और घास आदि से ढका है लेकिन बड़े पेड़ों को बचाना उनके लिए संभव नहीं हो पा रहा है।
विवेकानंद कृषि अनुसंधान केंद्र काफलीगैर के प्रभारी केके पांडे का कहना है कि अत्यधिक पाला फसल और फलदार पेड़ों के लिए नुकसानदायक है। उन्होंने कहा कि पाला गिरने की संभावना होने पर किसानों को खेतों की सिंचाई करनी चाहिए। इससे फसल पर पाले का असर कम पड़ता है। सहायक विकास अधिकारी उद्यान नारायण सिंह भयेड़ा ने बताया कि पाले से बचाने के लिए बागानों के चारों तरफ सुबह शाम धुंआ करना चाहिए। अणां गांव के किसान ठाकुर सिंह रावत ने बताया कि पाले से फलदार पेड़ों को पुराने कपड़ों से ढक कर बचाना सबसे सरल उपाय है। पाला खेतों में खड़ी फसल और फलदार पेड़ों के लिए सबसे नुकसानदायक है। काश्तकारों को शीतकाल में अपनी नर्सरी को प्लास्टिक से ढक देना चाहिए। धूप आते ही प्लास्टिक हटा देनी होगी। खेतों डब्ल्यू पी के घोल का छिड़काव करना चाहिए। – आरके सिंह, जिला उद्यान अधिकारी
पाले से फसलों को बचाने में सिचाई कर डब्ल्यू पी का घोल का घोल अति उत्तम
RELATED ARTICLES