धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को पूरे देश में दशहरा यानी विजयादशमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। आज (2 अक्टूबर) के दिन यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जा रहा है, क्योंकि इसी दिन भगवान राम ने दस सिर वाले राक्षस रावण का वध किया था। दशहरा के दिन भगवान राम, देवी दुर्गा और शमी वृक्ष की पूजा की जाती है। इस दिन कुछ विशेष कार्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है, जबकि कुछ कार्यों से बचना चाहिए दशहरे पर कौन से शुभ कार्य करने चाहिए (क्या करें) पूजा और मंत्र जाप: भगवान राम की पूजा-अर्चना करें और उन्हें भोजन अर्पित करें। भगवान राम के मंत्रों जैसे “ॐ ह्रीं ह्रीं रामाय नमः”, देवी अपराजिता के लिए “ॐ अपराजितायै नमः” और देवी दुर्गा के लिए “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” का जाप करें। राम चालीसा का पाठ करना शुभ फलदायी होता है। शुभ खरीदारी और स्थापना: इस दिन सोना, चाँदी और वाहन जैसी कीमती वस्तुएँ खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। इलेक्ट्रॉनिक सामान, पीतल का कलश खरीदना और शमी का पेड़ लगाना भी शुभ होता है। नया व्यवसाय या कोई भी नया कार्य शुभ मुहूर्त में शुरू करना फलदायक होता है। दशहरे पर क्या नहीं करना चाहिए (क्या न करें खान-पान से परहेज: दशहरे के दिन मांस, मदिरा, प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए। हिंसा और अपमान: किसी भी पशु-पक्षी को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए। बुजुर्गों, महिलाओं या गरीबों का अपमान नहीं करना चाहिए। अस्वच्छता और आलस्य: घर को गंदा नहीं रखना चाहिए। दिन में सोने से बचना चाहिए। निषिद्ध कार्य: शमी और पीपल जैसे पेड़-पौधे नहीं काटने चाहिए। बिना शुभ मुहूर्त के कोई नया काम शुरू नहीं करना चाहिए। वर्जित दान: फटे, पुराने, टूटे कपड़े या नुकीली चीजें दान नहीं करनी चाहिए। शाम के समय सुई, चीनी या नमक का दान नहीं करना चाहिए। वस्त्र: इस दिन काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए।
रावण वध का महापर्व: आज के दिन जरूर करें राम रक्षा मंत्रों का जाप, इन 4 वस्तुओं का दान करना होता है अशुभ
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