हल्द्वानी। कक्षा नौ की छात्रा से दुष्कर्म मामले में एक युवक डेढ़ साल तक जेल में रहा और बाद में कोर्ट ने उसे दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया। थाने में जिस महिला ने बेटी से दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी उसने और पीड़िता ने भी कोर्ट में अपराध होने से इंकार कर दिया। काठगोदाम थाना क्षेत्र निवासी एक महिला ने नौ जून 2021 को काठगोदाम पुलिस को तहरीर सौंपी थी। तहरीर में महिला ने क्षेत्र के रहने वाले आयुष उर्फ नानू पर आरोप लगाया था कि बहाने से उनकी नाबालिग बेटी को घर से ले गया था और दुष्कर्म कर फरार हो गया था।
पुलिस ने युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर नौ जून को ही उसे गिरफ्तार कर लिया था और तभी से आयुष जेल में था। 24 जुलाई 2021 को मामला कोर्ट में पहुंचा और चार मार्च 2022 से सुनवाई शुरू हुई। युवक के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से सरकार की ओर से अधिवक्ता राजन सिंह मेहरा को नियुक्त किया गया। अधिवक्ता ने बताया कि मामले में पांच से सात गवाह पेश किए गए। सुनवाई के दौरान पीड़िता और उसकी मां ने कोर्ट में अपराध होने की बात से इंकार किया है। सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश विशेष पॉक्सो कोर्ट नंदन सिंह की कोर्ट ने युवक को दोषमुक्त करते हुए बरी करने का फैसला सुनाया है।
पॉक्सो एक्ट के आरोपी को कोर्ट ने किया दोषमुक्त
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