हल्द्वानी। हल्द्वानी से बाड़ेछीना (अल्मोड़ा) जा रहा पेट्रोल और डीजल से भरा टैंकर रानीबाग में खाई में जा गिरा। घंटों चले अभियान के बाद देर शाम चालक का शव टैंकर से बाहर निकाला जा सका। इस बीच नैनीताल रोड पर लंबा जाम लग गया। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। शुक्रवार रात करीब दस बजे बेलबाबा स्थित पेट्रोलियम डिपो से छह हजार लीटर डीजल और छह हजार लीटर पेट्रोल से भरा टैंकर अल्मोड़ा के बाड़ेछीना के लिए रवाना हुआ। टैंकर गंगोलीहाट (पिथौरागढ़) निवासी खुशाल सिंह चला रहा था। शनिवार की सुबह करीब दस बजे काठगोदाम पुलिस को किसी ने रानीबाग तिराहा स्थित एचएमटी फैक्टरी से करीब पांच सौ मीटर आगे टैंकर के खाई में गिरे होने की सूचना दी। इस पर मल्ला चौकी प्रभारी फिरोज आलम टीम के साथ मौके पर पहुंचे। देखा तो मौके पर टैंकर गिरा हुआ था और उसमें फंसे चालक की मौत हो चुकी थी।
पुलिस ने पेट्रोलियम डिपो को फोन किया। वहां से नंबर लेकर वाहन स्वामी केएस धानिक को सूचित किया। साथ ही टैंकर से चालक का शव निकालने का काम शुरू कर दिया। करीब आठ घंटे तक जूझने के बाद पुलिस टीम चालक खुशाल सिंह का शव निकाल सकी। इसके बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। सूचना पर चालक के हल्द्वानी में रहने वाले रिश्तेदार व परिजन भी मौके पर पहुंच गए थे। खुशाल सिंह के परिवार में उनके पिता राजेंद्र सिंह, मां मधुली देवी, छोटा भाई कृष्णा और दो छोटी बहनें हैं। कृष्णा सेना में जवान है।
टैंकर में लगा था जीपीएस, रात 12:58 मिनट में कटा संपर्क
हल्द्वानी। टैंकर में जीपीएस लगा था। वाहन को रवाना करने के साथ ही डिपो से उसकी मानिटरिंग की जाती है। पुलिस के अनुसार, डिपो से जानकारी मिली है कि टैंक शुक्रवार करीब दस बजे रवाना हुआ था। रानीबाग पहुंचने पर रात 12:58 मिनट पर उससे संपर्क कट गया। चालक का फोन भी बंद हो गया था। इसलिए रात भर टैंकर और चालक से कोई संपर्क नहीं हुआ। पुलिस टीम ने भारत पेट्रोलियम का टैंकर देख पहले डिपो में फोन किया और वहां से टैंकर स्वामी की जानकारी हासिल की और उसके बाद चालक के बारे में पता चला। इसके बाद परिजनो को सूचना दी गई।
घंटों तक थमे रहे वाहनों के पहिये, पैदल ही निकलीं सवारियां
खाई से टैंकर को निकालने के लिए पुलिस ने दो क्रेनें लगाईं लेकिन उसके बाद भी टैंकर तक पहुंचकर उसे ऊपर खींचना मुश्किल था। इधर क्रेनों के मुख्य मार्ग पर खड़े होने से वाहनों का लंबा जाम लग गया। कई किलोमीटर तक वाहनों को रोक दिया गया। आलम यह था कि वाहनों में बैठीं सवारियां पैदल ही गंतव्य की तरफ चल पड़ीं। कई किमी तक लगे जाम में लोगों को घंटों परेशानी से जूझना पड़ा।
गनीमत रही कि नहीं लगी आग
बाड़ेछीना के लिए 12 हजार लीटर पेट्रोल और डीजल लेकर जा रहा था। सड़क क्षतिग्रस्त होने से लेकर देर रात सफर करने वाले राहगीर भी चपेट में आ सकते थे। इसके अलावा बड़ी मात्रा में वन संपदा के जलने का भी खतरा बना हुआ है। शनिवार की देर शाम तक पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीम टैंकर को निकाल पाई।
रानीबाग में खाई में पलटा पेट्रो पदार्थों से भरा टैंकर, चालक की मौत
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