दुष्कर्म के मामले विशेष न्यायाधीश पॉक्सो की अदालत ने एक आरोपी को दोषी पाते हुए 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है, जबकि दूसरे को बरी किया गया है। मामले में तीन लोगों को आरोपी बनाया गया था। तीसरे की ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी।
एडीजीसी नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि मामला हल्द्वानी कोचिंग में पढ़ने वाली नाबालिग के साथ दुष्कर्म का है। दिसंबर 2017 को चमोली गाजा पटरानी धारी, नैनीताल निवासी खुशाल सिंह पीड़िता को अपने घर ले गया। जहां उसके साथ दुष्कर्म किया। साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने खुशाल को दस साल सश्रम कारावास व दस हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड अदा न करने पर खुशाल को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा, जबकि मामले में दूसरे आरोपी मनोज कुमार निवासी पदमपुरी धारी को दोषमुक्त करार किया गया है।
मेडिकल रिपोर्ट से सिद्ध हुआ आरोप
इस मामले में जब केस दर्ज कराया गया था, तब पीड़िता सात माह की गर्भवती हो चुकी थी। इसके बाद गर्भपात के दौरान डॉक्टरों ने केस की जांच के लिए जरूरी सैंपल लिए थे। जब रिपोर्ट आई तो यह सिद्ध हो गया कि खुशाल ने ही पीड़िता से दुष्कर्म किया है।
दुष्कर्म में एक को 10 साल का कारावास, दूसरा बरी
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