गदरपुर। आरटीई यानी शिक्षा के अधिकार के तहत जमा कराए गए आवेदन पत्रों की जांच में 15 आय प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। तहसीलदार ने बताया फर्जी आय प्रमाणपत्रों की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी गठित की गई है जो आवेदनकर्ताओं के साथ-साथ संबंधित सीएससी संचालकों से भी जवाब तलब करेगी। आरटीई के तहत उप शिक्षा अधिकारी कार्यालय में 1322 आवेदकों ने अपने आवेदन पत्र जमा किए थे। कार्यालय ने 28 आवेदन पत्रों में लगाए गए आय प्रमाणपत्रों को जांच के लिए तहसील प्रशासन को सूची भेजी थी। जांच में 15 प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए जिसमें 12 में छेड़छाड़ की गई थी और तीन प्रमाणपत्रों को तहसील कार्यालय से जारी ही नहीं किया गया था। तहसील कार्यालय से सूची जारी होने के बाद फर्जी पाए गए आवेदनपत्रों के आवेदकों में खलबली मच गई है।
इस संबंध में उप शिक्षा अधिकारी डॉ. रवि मेहता ने बताया कि जिन आवेदकों के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं उनके पाल्यों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि आवेदकों और प्रमाणपत्र जारी करने वाले ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के संबंधित सीएससी संचालकों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। तहसीलदार देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि जिन लोगों के आय प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं उनको नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है जिसमें राजस्व निरीक्षक, लेखपाल एवं पोर्टल सहायक को शामिल किया गया है।
इन आय प्रमाणपत्रों में मिली गड़बड़ी
गदरपुर के तहसीलदार देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि लखनऊ निवासी विवेक पुत्र हरिराम, शरीफ अहमद पुत्र रईस अहमद, मजरा शीला निवासी राजेश कुमार, आनंद खेड़ा निवासी नरेश कुमार पुत्र परमानंद, पिपलिया नंबर एक निवासी गौतम मंडल पुत्र गोपाल मंडल, वार्ड नंबर आठ आजाद नगर निवासी मोहम्मद अजीम पुत्र मोहम्मद जावेद, मकरंदपुर बरेली निवासी सुबोध कविराज पुत्र सूर्यकांत कविराज, रामकृष्ण पुत्र गोपाल मिस्त्री, चंदन नगर निवासी समीर वाला पुत्र सुमंत वाला, तिलपुरी नंबर दो निवासी राजेंद्र सिंह पुत्र बिशन सिंह, श्याम नगर निवासी विनोद कुमार पुत्र देशराज, वार्ड नंबर एक गांधीनगर निवासी संतोष कोली पुत्र डोरीलाल के प्रमाणपत्र में छेड़छाड़ की गई है। सकैनिया निवासी सुरेंद्र कुमार पुत्र चेतराम, धर्मेंद्र कुमार पुत्र प्यारेलाल एवं मनोज कुमार पुत्र श्याम कुमार के प्रमाणपत्र कार्यालय से जारी ही नहीं किए गए।
शिक्षा का अधिकार आवेदन में 15 आय प्रमाण पत्र फर्जी
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