Saturday, November 16, 2024
Homeउत्तराखण्ड15 साल बाद प्रशासन का फिर इम्तिहान

15 साल बाद प्रशासन का फिर इम्तिहान

हल्द्वानी। एक बार वक्त ने फिर करवट बदली है। समय चक्र 2007 को दोहराने की दहलीज पर है। चीजें वही सब सामने हैं और चित्र भी वही पुराना… फोर्स, फायर ब्रिगेड, जेसीबी मशीनों की गड़गड़ाहाट, आंसू गैस की तैयारी, खुफिया इनपुट और अचानक मॉब की स्थिति। यही है वह इम्तहान जो प्रशासन फिर देगा, ठीक वैसे ही जैसा उसने आज से डेढ़ दशक पहले दिया। कुछ बदला तो प्रशासन के लिए चुनौती जो पिछले 15 सालों में अतिक्रमण के बढ़ते दायरे के साथ तब से अब तक कई गुना बढ़ चुकी है। पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों के तमाम किरदार भी बदले हैं, मगर चुनौती एक, जिसका विस्तार काफी बड़ा। 2022 के आखिरी महीनों के सर्द दिनों में प्रशासन अभी अंगड़ाई ले रहा है, उस टास्क को पूरा करने के लिए जो शायद इससे पहले उसे अब तक नहीं मिला।
हाईकोर्ट ने इस बार रेलवे अतिक्रमण खाली कराने को लेकर जो स्प्ष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं उससे साफ है कि इसमें कोताही की कोई गुंजाइश नहीं है। दूसरी ओर प्रशासन के लिए चुनौती इस बार 2007 के मुकाबले ज्यादा बढ़ी है। उस वक्त संसाधनों की कमी के चलते अभियान में फोर्स को कई बार पीछे हटना पड़ा। शहर में आगजनी भी हुई और पुलिस को कई बार लाठीचार्ज के साथ आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े। प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती लोगों के विरोध से पार पाने की ही है। इसके लिए खुफिया इनपुट के आधार पर तैयारी के साथ ही रेलवे और प्रशासन के बीच सामंजस्य की भी महत्वपूर्ण भूमिका होनी है। ऐन वक्त पर ध्वस्तीकरण में शामिल उपकरण दगा न दें, इसके लिए भी तैयारी पुख्ता करनी है। इतनी बड़ी फोर्स के ठहरने के साथ ही उन्हें तमाम जरूरी संसाधन उपलब्ध कराना है सो अलग। 26 दिसंबर तक प्रशासन को अतिक्रमण खाली करने को सूचनाएं प्रकाशित करने के साथ ही मुनादी भी करवानी है। इसके बाद अतिक्रमित क्षेत्र में मकानों की स्थिति और वहां रह रहे लोगों की बसासत देखते हुए तय हो जाएगा कि प्रशासन के सामने कितनी मुश्किलें आनी हैं। 20 दिसंबर को हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद अब तक अतिक्रमणकारियों को सूचना देने और मुनादी जैसी कोई चीज अभी सामने नहीं आई है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि वह पूरी तैयारी के साथ अभियान को अंजाम देने का प्लान बना रहे हैं।
रेलवे भूमि अधिग्रहण के लिए भारी फोर्स की मांग
हल्द्वानी। रेलवे की भूमि पर अधिग्रहण मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने बड़े स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए अर्धसैनिक बलों की तीन दर्जन कंपनी, होमगार्ड्स, पीआरडी जवान, महिला अर्धसैनिक बल, डॉग स्क्वाएड, घुड़सवार बटालियन के साथ-साथ गढ़वाल मंडल से भी अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की गई है। करीब पांच जिलों के एसएसपी समेत इंस्पेक्टर, दरोगा और सिपाही तक की स्वीकृति गढ़वाल मंडल से मिल गई है। बनभूलपुरा में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में हाल ही में आए हाईकोर्ट के आदेश के बाद पुलिस की चिंताएं व्यवस्थाओं को लेकर बढ़ गई हैं। सालों से इस भूमि पर बसी करीब 40 हजार की आबादी को हटाने के लिए जिला पुलिस के पास संसाधन और फोर्स नाकाफी है। इसी वजह से पुलिस ने पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त फोर्स की मांग की है।
फोर्स संख्या
पैरामिलट्री फोर्स (पुरुष) 6 कंपनी
पैरामिलट्री फोर्स (महिला) 3 कंपनी
आरपीएफ (पुरुष) 3 कंपनी
आरपीएफ (महिला) 2 कंपनी
पीएसी/आईआरबी 8 कंपनी
सहायक/अपर पुलिस अधीक्षक आठ
पुलिस उपाधीक्षक 26
इंस्पेक्टर 97
एसआई 145
महिला एसआई 36
हेड कांस्टेबल 93
सिपाही 1214,
महिला सिपाही 361
यातायात पुलिस 101
टियर गैस यूनिट आठ
फायर यूनिट 13
बीडी स्क्वाएड पांच
डॉग स्क्वाएड पांच
घुड़सवार छह सेक्शन
गढ़वाल मंडल से भी मांगी गई फोर्स
हल्द्वानी। निरीक्षक अभिसूचना इकाई एक, एसआई अभिसूचना पांच, सिपाही 10, होमगार्ड्स 500 और पीआरडी के 150 जवानों का फोर्स की मांग पुलिस मुख्यालय भेजी गई है। गढ़वाल मंडल से भी पुलिस फोर्स की मांग की गई थी। इनमें 50 इंस्पेक्टर/ थानाध्यक्ष, 50 एसआई (पुरुष), 25 महिला एसआई, 100 हेडकांस्टेबल, 700 सिपाही, 200 महिला सिपाही, 70 यातायात पुलिसकर्मी व आठ टियर गैस यूनिट कर्मचारी मय उपकरण शामिल हैं। माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस की तैयारी शुरू हो चुकी है। बहुत जल्द जिलाधिकारी व पुलिस व प्रशासन के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक करके आगे की कार्यप्रणाली पर चर्चा करके तैयारियां पूरी की जाएंगी। – डॉ. निलेश आनंद भरणे, डीआईजी कुमाऊं

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments