रामनगर (नैनीताल)। नेशनल हाईवे-309 पर बाघ को पकड़ने लिए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क, रामनगर वन प्रभाग, कालागढ़ टाइगर रिजर्व की संयुक्त टीम दिन-रात जंगल में डेरा डाले हुए है। बाघ को पकड़ने के लिए हाथियों, कैमरा ट्रैप और ड्रोन की मदद ली जा रही है। कॉर्बेट समेत सभी वन प्रभागों ने अब तक 20 लाख रुपये से अधिक खर्च कर दिया है, लेकिन नतीजा सिफर रहा है। 2022 की शुरुआत से ही नेशनल हाईवे पर बाघ ने राहगीरों और बाइक सवारों को निशाना बनाना शुरू कर दिया था। फरवरी से दिसंबर तक बाघ ने अब तक पांच लोगों को निवाला बना दिया। एक वन कर्मी को गंभीर रूप से घायल किया। 16 जुलाई को बाइक सवार अमरोहा निवासी अफसरुल को बाघ ने बाइक पर झपट्टा मारकर मार दिया था।
इसके बाद से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के सर्पदुली रेंज, कालागढ़ टाइगर रिजर्व की मंदाल रेंज और रामनगर वन प्रभाग के कोसी रेंज के वन कर्मियों की संयुक्त टीम बनाई गई थी। संयुक्त टीम ड्रोन, चार हाथियों और कैमरा ट्रैप से बाघ को ट्रेस करने में जुटी है। बाघ वन कर्मियों को छका रहा है। अब तीन डॉक्टरों की टीम भी बाघ को ट्रेंकुलाइज करने में लगी है। क्षेत्र में 40 से अधिक कैमरा ट्रैप लगे हुए हैं। पनोद नाले से मोहान के बीच 10 से अधिक बाघ विचरण कर रहे हैं। वन विभाग की मानें तो उसने हमला करने वाले बाघ को ट्रेस कर लिया गया है, लेकिन वह पकड़ में नहीं आ रहा है।
छह माह में 20 लाख से अधिक खर्च, नतीजा सिफर
16 जुलाई की घटना के बाद से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की सर्पदुली रेंज, कालागढ़ टाइगर रिजर्व की मंदाल रेंज और रामनगर वन प्रभाग की कोसी रेंज की ओर से अब तक 20 लाख रुपये से अधिक खर्च कर चुके हैं। रामनगर वन प्रभाग के कोसी रेंज ने अब तक 10 लाख रुपये, सर्पदुली रेंज ने पांच लाख और मंदाल रेंज ने भी पांच लाख रुपये खर्च कर दिए हैं। इस अभियान में वन विभाग के 240 से अधिक वन कर्मी लगे हुए हैं, लेकिन बाघ पकड़ में ही नहीं आ रहा।
इस साल बाघ ने पांच को बनाया शिकार, एक घायल
12 फरवरी को धनगढ़ी गेट के पास एक भिखारी को निवाला बनाया।
16 जून को धनगढ़ी गेट पर बाइक सवार मजदूर खलील अहमद को मारा।
17 जून को वन कर्मी बॉबी चंद्र पर हमला किया, जिसमें वह घायल हो गया।
16 जुलाई को अमरोहा निवासी बाइक सवार अफसरुल को शिकार बनाया।
12 दिसंबर को पूर्व सैनिक बहादुर सिंह बिष्ट को मारा डाला।
24 दिसंबर को खताड़ी निवासी मो. नफीस को शिकार बनाया।
चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने किया निरीक्षण
चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा ने भी मौके का निरीक्षण कर वन कर्मियों को जल्द से जल्द बाघ को रेस्क्यू करने के निर्देश दिए। वन कर्मियों को संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए अभियान चलाने को कहा। मंगलवार शाम चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मौके पर पहुंचे और अभियान के संबंध में जानकारी ली।
कोट
बाघ को पकड़ने के लिए संयुक्त टीम बनाई गई है। वनकर्मी लगातार बाघ को पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं। अभियान में अब तक लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं। अब भी अभियान जारी है। उम्मीद है कि जल्द हमलावर बाघ पकड़ लिया जाएगा। – डॉ. धीरज पांडेय, कार्बेट निदेशक
बाघ पकड़ने में 20 लाख खर्च, नतीजा सिफर
RELATED ARTICLES