Thursday, February 13, 2025
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गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए मिलेंगे 25 करोड़, गौरीकुंड से तिलवाड़ा तक होगा सीवरेज प्रणाली निर्माण

प्रदेश में नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा नदी जल प्रदूषण नियंत्रण और गंगा तटों पर जनसुविधा विकसित करने के लिए 25 करोड़ की तीन परियोजनाओं को केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय की 43वीं कार्यकारी समिति की बैठक में इसे सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार जताया। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत स्वीकृत परियोजनाएं उत्तराखंड में गंगा और इसकी सहायक नदियों की स्वच्छता, निर्मलता एवं अविरलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। बुधवार को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक जी. अशोक कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में उत्तराखंड से अपर सचिव पेयजल उदयराज सिंह शामिल हुए।
बैठक में रुद्रप्रयाग में केदारनाथ यात्रा के आरंभ स्थल गौरीकुंड व तिलवाड़ा सीवरेज परियोजना के लिए 23.37 करोड़ की योजना स्वीकृत हुई है। इस योजना से नदियों में प्रदूषित जल प्रवाह को रोकने में यह परियोजना कारगर साबित होगी। परियोजना के पूर्ण होने पर चारधाम यात्रा को अत्यधिक लाभ मिलेगा और नदियों की स्वच्छता व निर्मलता के दृृष्टिगत भी यह परियोजना महत्वपूर्ण है। बैठक में दैवीय आपदा वर्ष 2021 में क्षतिग्रस्त हुए देवप्रयाग सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, कर्णप्रयाग एसटीपी और गोपेश्वर एसटीपी की मरम्मत के लिए 87.37 लाख और चंद्रेश्वर नगर, ऋषिकेश में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत निर्मित 7.5 एमएलडी एसटीपी से उत्पन्न ध्वनी स्तर को कम करने के लिए ध्वनिक रोधन लगाने के लिए 82.74 लाख की परियोजना स्वीकृत की गई है। गौरतलब है कि राज्य को 42वीं कार्यकारी समिति की बैठक में लगभग 43 करोड़ की लागत की चार परियोजनाओं की पूर्व में स्वीकृति दी जा चुकी है।

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