द्वाराहाट (अल्मोड़ा)। पर्वतीय क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में अधिकतर अस्पताल महज शोपीस बने हैं। द्वाराहाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रेडियोलॉजिस्ट की स्थायी नियुक्ति न होने से अस्पताल रेफरल सेंटर बना हुआ है। ग्रामीणों को अल्ट्रासाउंड के लिए 40 किमी दूर रानीखेत अस्पताल जाना पड़ रहा है। द्वाराहाट में इंजीनियरिंग कालेज, पॉलीटेक्निक, नगर पंचायत सहित कई महत्वपूर्ण शिक्षण संस्थाओं के अतिरिक्त करीब 50 हजार की आबादी है। सभी लोग एकमात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर रहते हैं। यह अस्पताल रेफरल सेंटर बना हुआ है। यहां 20 साल बाद भी रेडियोलॉजिस्ट की स्थायी नियुक्ति नहीं हो सकी है। सप्ताह में एक दिन रानीखेत अस्पताल से रेडियोलॉजिस्ट आते हैं लेकिन यह व्यवस्था नाकाफी है। ग्रामीणों को अल्ट्रासाउंड के लिए 40 किमी दूर रानीखेत अस्पताल जाना पड़ रहा है। द्वाराहाट अस्पताल से जालली, बैरती, बग्वालीपोखर, कफड़ा, दूनागिरी सहित कई गांव जुड़े हुए हैं लेकिन अस्पताल में व्यवस्थाएं नाकाफी हैं। इस कारण अस्पताल रेफरल सेंटर बना हुआ है।
यहां वर्षों से कोई भी विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं। राज्य बनने से पूर्व और बाद तक यहां बालरोग, हड्डीरोग आदि के विशेषज्ञ चिकित्सक हुआ करते थे लेकिन समय-समय पर विशेषज्ञ चिकित्सकों का यहां से अन्यत्र स्थानांतरण होने के बाद यहां कोई भी विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं भेजे गए। अल्ट्रासाउंड के लिए रेडियोलाजिस्ट भी नहीं है। 2003 में तत्कालीन विधायक स्व. बिपिन त्रिपाठी के प्रयासों से यहां अल्ट्रासाउंड के लिए पूर्व में रेडियोलाजिस्ट का पद स्वीकृत था लेकिन अब उक्त पद को भी बंद कर दिया है। जनता की मांग पर पूर्व में कभी अल्मोड़ा से और अब प्रत्येक बृहस्पतिवार को रानीखेत से रेडियोलाजिस्ट डा. हर्षवर्धन पंत आकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन यह व्यवस्था नाकाफी है। गर्भवती महिलाओं और अन्य रोगियों को आज भी 40 किमी दूर रानीखेत की दौड़ लगानी पड़ती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ डाक्टरों का अभाव बना हुआ है। रेडियोलॉजिस्ट की स्थायी नियुक्ति नहीं हो सकी है। रानीखेत से सप्ताह में एक बार रेडियोलॉजिस्ट यहां आते हैं लेकिन इस बृहस्पतिवार को रानीखेत से रेडियोलॉजिस्ट डाॅ. हर्ष पंत सेवा नहीं दे पाएंगे।वह होली की छुट्टियां मनाने परिवार के साथ दिल्ली गए हुए हैं। विशेषज्ञ डाॅक्टरों की नियुक्ति के लिए नियमित रूप से उच्चाधिकारियों को पत्राचार किया जाता है। – डा. रविशंकर सिंह, प्रभारी चिकित्साधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र द्वाराहाट।
अल्ट्रासाउंड के लिए लगानी पड़ रही 40 किमी दूर की दौड़
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