नैनीताल। हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति का वाहन सीज करने के बाद चालान की कॉपी कोर्ट नहीं भेजने में हुई लापरवाही पर तत्कालीन उप जिलाधिकारी से पांच लाख की मुआवजा राशि वसूलने के निर्देश जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को दिए हैं। न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा ने जिलाधिकारी को आदेश दिए कि राशि 30 दिन के भीतर वसूल करके वाहन स्वामी को दें।
गिर गांव निवासी धर्म सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि 2015 में उनके वाहन नंबर (यूके एस टीए-1140) को ओवरलोडिंग के जुर्म में मुनस्यारी और डीडीहाट के तत्कालीन एसडीएम ने सीज किया। वाहन थल थाने में खड़ा करा दिया गया, लेकिन चालान की कॉपी कोर्ट नहीं भेजी। कॉपी कोर्ट नहीं पहुंचने से जब्ती की तारीख से आज तक वाहन थाने में निष्क्रिय और अनुपयोगी पड़ा रहा जो कि सुंदरलाल अंबालाल देसाई के मामले सुप्रीम कोर्ट में संपत्ति के निपटान के साथ-साथ आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 में कानून और सामग्री के प्रावधानों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों का स्पष्ट उल्लंघन है। न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा ने वाहन तुरंत मुक्त करने और जब्त की गई अवधि से अब तक की अवधि के लिए कोई भी कर याचिकाकर्ता से वसूल नहीं करने और पांच लाख का मुआवजा उन्हें देने के निर्देश दिए हैं।
तत्कालीन एसडीएम से पांच लाख मुआवजा राशि वसूलने के आदेश
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