चीन सीमा को जोड़ने वाली धारचूला-घट्टयाबगड़-लिपुलेख सड़क अब तक नहीं खुल पाई है। इस कारण गुंजी में फंसे 35 आदि कैलाश यात्रियों सहित 56 लोगों को चिनूक हेलिकॉप्टर से नैनीसैनी एयरपोर्ट लाया गया। धारचूला-लिपुलेख सड़क घट्टयाबगड़ से आगे लामारी और छियालेख में बंद है। लोगों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। सड़क बंद होने से आदि कैलाश यात्रा पर गए लगभग 35 यात्री एक सप्ताह से गुंजी में फंसे थे। इन यात्रियों ने ओम पर्वत के दर्शन तो कर लिए लेकिन आदि कैलाश नहीं पहुंच पाए। जिला प्रशासन ने वायुसेना के अधिकारियों से वार्ता कर चिनूक हेलिकॉप्टर से सभी यात्रियों और स्थानीय लोगों को निकाला। इसके बाद यात्री कुमाऊं मंडल विकास निगम के पर्यटक आवास गृह पहुंचे जहां पर प्रबंधक दिनेश गुरुरानी के नेतृत्व में कर्मचारियों ने यात्रियों का स्वागत किया। इस दौरान एक पौधा धरती के नाम पर लगाया गया। इसके बाद यात्रियों ने हेलिकॉप्टर की व्यवस्था के लिए डीएम डॉ.आशीष चौहान का आभार जताया।
खाली लौटा हेलिकॉप्टर
पिथौरागढ़। जिले में शुक्रवार को मौसम साफ रहने से राज्य सरकार की ओर से संचालित पवन हंस का हेलिकॉप्टर पिथौरागढ़ आया। हेलिकॉप्टर में कोई यात्री नहीं था। पिथौरागढ़ से भी कोई यात्री नहीं होने से हेलिकॉप्टर ने बिना यात्रियों के ही पंतनगर के लिए उड़ान भरी। बताया जा रहा है कि हेलिकॉप्टर की अनियमित सेवा के कारण अब लोग टिकट बुकिंग कराने से कतरा रहे हैं।
चिनूक हेलीकॉप्टर से किया आदि कैलाश यात्री समेत 56 लोगों को रेस्क्यू, खाली लौटा हेलिकॉप्टर
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