Saturday, June 7, 2025
Homeउत्तराखण्डहस्तशिल्प कलाकृतियां सैलानियों को लुभा रही

हस्तशिल्प कलाकृतियां सैलानियों को लुभा रही

ज्योलीकोट (नैनीताल)। पेड़ों की जिन खराब जड़ों को लोग फेंक देते हैं उन जड़ों को एकत्रित कर हस्तशिल्प में दक्ष ललित साह बेशकीमती नक्काशीदार कलाकृतियां बनाकर स्वरोजगार कर रहे हैं। इन नक्काशीदार कलाकृतियों के प्रति पर्यटकों का आकर्षण बढ़ रहा है। सैलानी नैनीताल की यादगार के रूप में इन कलाकृतियों को खरीदकर ले जा रहे हैं। ललित इन कलाकृतियों को बेचकर पर्यटन सीजन में प्रतिवर्ष करीब एक लाख रुपये की आय अर्जित कर रहे हैं।
तीस से अधिक वर्षों से लकड़ी कई कलाकृतियां बनाने के लिए ललित जंगलों, गधेरों और आसपास से पेड़ों की सूखी जड़ों को एकत्र कर इन्हें अलग-अलग रूपों में ढाल रहे हैं। ललित साह ने बताया कि नदी-नालों में बहकर आईं लैंटाना, बकौल, गेठी आदि की जड़ों को नक्काशीदार कला से उभारकर उन्हें अलग-अलग रंगों से रंगा जाता है। इनके साथ कुछ अन्य जड़ें भी उपयोग में लाई जाती हैं। वर्ष 2009 में जिला उद्योग केंद्र से उन्हें कलात्मक वस्तुओं के लिए ‘ड्रिफ्ट वुड’ नाम से प्रथम पुरस्कार मिल चुका है। वह पुष्कर, सूरज कुंड समेत देश के कई मेलों में भी लकड़ी की कलात्मक वस्तुओं का प्रदर्शन कर चुके हैं। ललित का मानना है कि रोजगार बढ़ाने के लिए ‘ड्रिफ्ट वुड’ एक बेहतरीन जरिया हो सकता है। उन्होंने बताया कि इस कला से काफी लोग रोजी-रोटी चला रहे है लेकिन यह सिर्फ सीजनल रोजगार बना हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इस व्यवसाय को प्रोत्साहित कर प्रमुख पर्यटक स्थलों पर इन कलाकृतियों की बिक्री की व्यवस्था करनी चाहिए। प्रमुख पर्यटक स्थलों पर लकड़ी की कलात्मक वस्तुओं के बिक्री केंद्र, प्रशिक्षण, निर्यात और आधुनिक मशीनों के लिए अनुदान देकर पलायन रोकने की दिशा में काम करना चाहिए। लकड़ी से इन वस्तुओं को कर रहे हैं तैयार – टेबल लैंप, मोमबत्ती स्टैंड, देवी देवताओं की मूर्तियां, पेन स्टैंड आदि।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments