सूर्य में उठने वाले जबरदस्त सोलर फ्लेयर्स के मंगलवार सुबह पृथ्वी तक पहुंचने और इससे सैटेलाइट्स और नेविगेशन प्रणाली के प्रभावित होने की आशंका से अंतरिक्ष विज्ञानी सचेत हैं। इस महीने की शुरुआत में भी एक भू-चुंबकीय तूफान पृथ्वी से टकराया था जिससे कनाडा के ऊपर चमकीला अरोरा (तेज रोशनी का पुंज) बन गया था। अंतरिक्ष की मौसम महिला के नाम से मशहूर वैज्ञानिक डॉ. तमिता स्कोव ने एक ट्वीट कर सूर्य की ज्वालाओं की पृथ्वी से सीधी टक्कर की भविष्यवाणी की है।
हाल में सौर सतह पर एक विशाल सनस्पॉट और फिलामेंट्स ने खगोलविदों को भी पृथ्वी की ओर आ रहे फ्लेयर्स के बारे में चिंतित कर दिया था जिससे पृथ्वी के कुछ क्षेत्रों में ब्लैकआउट हो सकता है। इस बीच नासा के वैज्ञानिकों ने बताया कि सूर्य से बड़े पैमाने पर भड़की सौर ज्वाला दुनिया के कई हिस्सों में रेडियो ब्लैकआउट पैदा कर सकती है।
नासा ने 19 जुलाई की सुबह इस प्रभाव के चरम पर होने की संभावना जताई है। इससे जीपीएस और रेडियो तरंगों में व्यवधान हो सकता है। आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान (एरीज) के वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे ने बताया कि यह सौर गतिविधि के लिए एक व्यस्त समय रहा है। मार्च-2022 में पृथ्वी अलग अलग भू-चुंबकीय तूफानों की चपेट में आ गई थी। हालांकि भू-चुंबकीय तूफानों से कोई नुकसान नहीं हुआ लेकिन तभी से आशंका थी कि भविष्य में और अधिक शक्तिशाली तूफान आ सकते हैं। पांडे ने बताया कि सूर्य अब अपने 11 साल के सौर चक्र के सक्रिय चरण में है। इस तरह की घटनाओं में वृद्धि होने की उम्मीद है। आमतौर पर वे जीपीएस नेविगेशन सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण ब्लैकआउट का कारण बन सकते हैं जो छोटे विमानों और जहाजों की यात्रा को बाधित कर सकते हैं। हालांकि इसके अलावा ज्यादा चिंता की कोई बात नहीं है।
आज पृथ्वी से टकरा सकता है सोलर तूफान, कुछ क्षेत्रों में ब्लैकआउट होने की आशंका, वैज्ञानिक सचेत
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