नैनीताल। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने बुधवार को नैनीताल कलक्ट्रेट स्थित खनन कार्यालय में छापा मारा और विभागीय पोर्टल की जांच की। इस दौरान आयुक्त को कई खामियां मिलीं जिस पर आयुक्त ने खनन पटल का दो साल से निरीक्षण न करने पर अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी और कलक्ट्रेट के प्रभारी अधिकारी राहुल साह को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि देने की संस्तुति की। उन्होंने विभागीय व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और कार्यशैली में सुधार के निर्देश दिए।कमिश्नर बुधवार दोपहर में अचानक खनन दफ्तर पहुंचे। आयुक्त ने पोर्टल में दर्ज विभागीय रिकार्ड की जांच की। इस दौरान पता चला कि अवैध खनन के जिन मामलों में अवैध खनन करने वालों को विभागीय अधिकारियों ने अर्थदंड लगाया है, उनकी रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) अभी तक नहीं काटी गई है।
यह भी पता चला कि अवैध खनन करने वालों की संयुक्त रिपोर्ट होने के बावजूद अवैध खननकर्ताओं को नोटिस नहीं दिए जा रहे हैं। आयुक्त ने कहा कि अधिकारियों की इस लापरवाही से सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। इस पर आयुक्त ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि इस तरह की हीलाहवाली बर्दाश्त नहीं होगी। मंडलायुक्त ने बताया कि जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी खनन अशोक जोशी ने दो साल से और कलक्ट्रेट के प्रभारी अधिकारी राहुल साह ने अभी तक खनन पटल का निरीक्षण नहीं किया है। कहा कि इन अधिकारियों का दायित्व है कि वह निर्धारित समयावधि में खनन पटल का निरीक्षण करें। उन्होंने अपर जिलाधिकारी और कलक्ट्रेट के प्रभारी अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने की भी संस्तुति की है।
खनन पटल का स्वयं निरीक्षण करें सभी जिलों के डीएम : आयुक्त
नैनीताल। कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने मंडल के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे खनन पटल का समय-समय पर स्वयं निरीक्षण करें। समय पर आरसी जारी न होने से राजस्व की हानि के साथ ब्याज का भी नुकसान होता है और लंबे समय तक आरसी लंबित रहने से यह राशि करोड़ों में पहुंच जाती है जिसका खनन व्यवसायियों को तो लाभ मिलता है जबकि प्रदेश को हानि उठानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि नैनीताल में बीते छह वर्षों से भी अधिक समय से आरसी जारी नहीं हुई हैं और लंबे समय से अधिकारियों की ओर से डीएम को सूचना भी नहीं दी गई। रावत ने कहा कि उन्होंने पूर्व में भी संबंधित अधिकारियों को इसके प्रति आगाह किया था लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसे देखते हुए उन्होंने सभी जिलों के जिलाधिकारियों से स्वयं ही पटल का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।