नैनीताल: उत्तराखंड क्रांति दल के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक डॉ. नारायण सिंह जंतवाल ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय दलों ने राज्य की मूल अवधारणा को हासिए पर धकेल दिया है। प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल केंद्रीय नेतृत्व के इशारे पर काम कर रहे हैं। जिस कारण उत्तराखंड का समुचित विकास नहीं हो रहा है। हिमालयी राज्य के लोग बेरोजगारी के कारण पलायन को मजबूर हैं। उक्रांद गठन से ही भू कानून, जल, जंगल जमीन के हक हकूक की पक्षधर रही और इसके लिए संघर्ष किया।
उक्रांद के स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यालय में हुई गोष्ठी में डॉ. जंतवाल ने लोगों का आह्वान किया कि उत्तराखंड में राजनीतिक विकल्प के रूप में उक्रांद के पक्ष में आगे आएं। पूर्व पालिकाध्यक्ष श्याम नारायण ने कहा कि श्रीदेव सुमन के विचारों से प्रेरित होकर ही उनकी पुण्यतिथि पर दल का गठन किया गया। राज्य की संस्कृति, सभ्यता और पहचान को जीवित रखने के लिए उक्रांद की मजबूती जरूरी है। वक्ताओं ने उक्रांद के संस्थापकों में शामिल अमर क्रांतिकारी श्रीदेव सुमन, डीडी पंत, इंद्रमणी बड़ोनी, विपिन त्रिपाठी के योगदान पर चर्चा की। के बारे में बताया। अंबा दत्त बवाड़ी की अध्यक्षता और केसी उपाध्याय के संचालन में हुई गोष्ठी में पान सिंह सिजवाली, तारा सिंह, खीमराज बिष्ट, सतीश चंद्र, महेश जोशी, धीरज बिष्ट, मदन सिंह लगड़वाल आदि मौजूद रहे।