Thursday, December 4, 2025
Homeउत्तराखण्डचेक बाउंस मामले में पांच साल बाद सरकारी कर्मचारी को एक साल...

चेक बाउंस मामले में पांच साल बाद सरकारी कर्मचारी को एक साल की सजा

पांच साल पहले मां के इलाज के लिए सरकारी कर्मचारी ने तीन लाख रुपये उधार लिए थे। उधार चुकाने के लिए जो चेक दिया वह बाउंस हो गया। कोर्ट ने सरकारी कर्मचारी को एक साल के कारावास और आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई है। हल्द्वानी के कुसुमखेड़ा स्थित चीनपुर निवासी मनीष भट्ट ने अप्रैल-2016 में काठगोदाम थाना क्षेत्र के गौलापार स्थित देवला तल्ला निवासी कृष्ण पाल सिंह से दिल्ली में मां के इलाज की बात बोलते हुए तीन लाख रुपये उधार लिए थे। कृष्ण पाल के मुताबिक, काफी समय तक मनीष भट्ट ने रकम वापस नहीं की। काफी तकादे के बाद दो फरवरी-2017 को तीन लाख रुपये का चेक दिया। चार फरवरी 2017 को बैंक में चेक बाउंस हो गया। इसके बाद 21 फरवरी 2017 को पीड़ित की ओर से आरोपी को नोटिस भेजा गया लेकिन फिर भी आरोपी ने उधार चुकता नहीं किया। मामले में मनीष भट्ट के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई और कोर्ट में वाद दायर किया।
पीड़ित की ओर से न्याय दिलाने के लिए केस लड़ रहे अधिवक्ता राजन सिंह मेहरा ने सुनवाई के दौरान एक गवाह कोर्ट में पेश किया। आरोपी ने कोर्ट में पीड़ित के भांजे पर ही उनकी दुकान में रखे हस्ताक्षरित चेक चुराने का आरोप लगा दिया। हालांकि पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता ने पूरे साक्ष्य कोर्ट में पेश किए। इसके बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (रेलवे) मनोज कुमार द्विवेदी ने मनीष भट्ट को दोषी मानते हुए 25 जुलाई 2022 को एक साल के कारावास और चार लाख रुपये के आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई। साथ ही जुर्माने की धनराशि में से 3.90 लाख रुपये पीड़ित को देने और बकाया दस हजार रुपये राजकोष में जमा करने के आदेश दिए हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments