नैनीताल। मानसून की बारिश ने भले ही अभी रफ्तार नहीं पकड़ी है लेकिन नैनीताल की मालरोड के साथ ही नैनीताल-पंगूट की सड़क ने लोगों में भय पैदा कर दिया है। हालात यह हैं कि इस रोड पर बारापत्थर से लेकर पंगूट तक 75 से 80 स्थानों पर सड़क पर धंसाव हो रहा है। कई स्थानों पर सड़क टूट गई है तो कई जगहों पर दरारों ने खतरा बड़ा दिया है। इस सड़क से मुख्यालय से 24 से ज्यादा गांव जुड़े हैं। जिनका मुख्यालय से किसी भी समय संपर्क टूट सकता है। नैनीताल- पंगूट सड़क पर पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों की भी आवाजाही बनी रहती है। गांव के लोग इस रोड से नैनीताल तक दूध व सब्जियां भेजते हैं। इस सड़क की हालत इस कदर खराब है कि पीएमजीएसवाई और सिंचाई खंड के अधिशासी अभियंता ने देवीपुरा-सौड़ सड़क को लेकर डीएम को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि वर्ष 2021 में सड़क अतिवृष्टि से बंद हो गई थी। आवागमन के लिए मलवा हटाकर सड़क की कटिंग की गई। लेकिन अत्यधिक क्षतिग्रस्त होने के कारण यह मार्ग यातायात के लिए सुरक्षित नहीं है और कभी भी दुर्घटना हो सकती है।
स्थानीय लोगों के साथ पर्यटकों की भी रहती है चहलकदमी
नैनीताल। नैनीताल-पंगूट सड़क सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए नहीं बल्कि पर्यटकों के लिए भी महत्वपूर्ण है। नैनादेवी बर्ड कंजर्वेशन आने वाले लोगों को भी इस सड़क का सहारा लेना पड़ता है। देश-विदेश के पर्यटक भी पंगूट, सौड़, बगड़ में होटल और रिजॉर्ट में ठहरने पहुंचते हैं। प्रकृति प्रेमियोंकी यहां रोजाना खासी भीड़ रहती है।
स्थानीय लोगों का यह कहना
पंगूट, बगड़, महरोड़ा समेत 23 से 24 गांव को यह सड़क जोड़ती है। बीते करीब आठ वर्षों से सड़क बदहाली की स्थिति में हैं। विधायक से लेकर मंत्री तक इस सड़क से जाते हैं लेकिन सड़क को सुधारने की पहल कोई नहीं करता है। – कमल जोशी, बगड़ निवासी।
कोट
यहां से सब्जी का कारोबार होता है। अगर सड़क टूटती है तो सब्जी सड़ने के साथ गांव के किसानों को नुकसान होगा। इस सड़क के सुधारीकरण के लिए विभाग को पत्र लिखा है लेकिन उसके बाद भी कोई काम नहीं हो रहा है। – वीरेंद्र सिंह बिष्ट, सौड़ निवासी।
कोट
जिला प्रशासन की ओर से कार्य से संबंधित प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। धनराशि आवंटित होने के बाद सुरक्षात्मक कार्य किए जाएंगे। – दीपक गुप्ता, अधिशासी अभियंता, लोनिवि।